अपनी मातृभाषा हिंदी में काम करेंगे, देश - दुनिया का कल्याण करेंगे।
हंसराज कॉलेज सभागार में 14 सितंबर 2018 को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी सप्ताह उद्घाटन समारोह का सफल आयोजन हंसराज के पूर्व छात्र एवं गुजरात प्रांत के राज्यपाल माननीय ओमप्रकाश कोहली जी के सानिध्य, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रो. योगेश त्यागी जी के मुख्य आतिथ्य, कॉलेज की प्राचार्या महोदया डॉ. रमा जी के नेतृत्व और हिंदी साहित्य परिषद हंसराज के महासचिव गिरजाशंकर कुशराज की सक्रिय भूमिका में किया गया।
समारोह की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. रमा जी ने अपने उद्बोधन में हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं प्रेषित करते हुए कहा - "हम सब इस राष्ट्र में एकता के सूत्र में बँधे रहें और संस्कृति, समाज मातृभूमि और मातृभाषा हिंदी से जुड़े रहें। मातृभाषा हिंदी हमारी संस्कृति की पोषक है, हमारी अभिव्यक्ति है, हमारी पहचान है। जब तक हंसराज कॉलेज है तब तक इस राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित है। इस सुरक्षित भविष्य में आज आपने हमसे कदम से कदम मिलाया है। हमारा लक्ष्य एक ही है कि हंसराज कॉलेज को विश्व का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज बनाना और भारत का परचम लहराना।
विश्वविख्यात कवि डॉ. हरिओम पवार जी ने काश्मीर पर ओजस्वी देशभक्ति कविता और 'मैं भारत का संविधान हूँ।' कविता के माध्यम से कहा - "हिंदी राष्ट्र और संस्कृति को एकता के सूत्र में बाँधे हुए है। हमें इसका खूब प्रचार - प्रसार करके विकास करना चाहिए। हिंदी को सुप्रीम कोर्ट की भाषा बननी चाहिए। हिंदी को राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा बननी चाहिए।"
पवार जी ने अपने उद्बोधन में प्राचार्या महोदया की बात को दोहराते हुए कहा - "हंसराज छात्रसंघ चुनावों में छात्रों ने पर्चे का प्रयोग करे बगैर शांति से चुनाव सम्पन्न किए और कॉलेज को स्वच्छ बनाए रखकर दिल्ली विश्वविद्यालय और देश में अनोखा उदाहरण पेश किया। हंसराज जैसे चुनाव पूरे देश में होने चाहिए। यहाँ वे पढ़ते हैं जो देश को स्वच्छ रखने में सरकार के साथ हैं। ये सच्चे नेता हैं।"
माननीय कुलपति योगेश त्यागी जी ने कहा - "दिल्ली विश्वविद्यालय से सभी कोर्सों के विद्यार्थियों को एक विषय की पुस्तक हिंदी में अवश्य पढ़नी चाहिए। विश्वविद्यालय को पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद करना चाहिए। हिंदी के बगैर विश्वविद्यालय दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय नहीँ बन सकता इसलिए सभी कोर्सों की शिक्षा हिंदी माध्यम में भी होनी चाहिए।"
माननीय राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली जी ने कई उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा - "अपने घर में हमेशा अपनी मातृभाषा हिंदी में बात करनी चाहिए। जब तक हम अंग्रेजी के गुलाम बने रहेंगे तब तक हम विश्व गुरु नहीं बन पाएंगे। गांधीजी के पूर्ण स्वराज्य का सपना जो अधूरा है, उसे पूरा करने का समय आ गया है। युवा भारत जागरूक हो गया है। जैसा हमने अंग्रेजों से छुटकारा पा लिया है वैसे ही शीघ्र अंगेजी से छुटकारा पा लेंगे और 'अपनी मातृभाषा हिंदी में काम करेंगे, देश दुनिया का कल्याण करेंगे।'
समारोह में हिंदीप्रेमियों, छात्र - छात्राओं और प्राध्यापक - प्राध्यापिकाओं की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन हंसराज कॉलेज पुरातन छात्र संघ के अध्यक्ष महेंद्र गोयल जी ने किया।
- कुशराज झाँसी
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