Friday 26 February 2021

बलात्कार और दहेज के मामलों में कानून द्वारा सख्ती बरती जाए - कुशराज झाँसी

लेख - " बलात्कार और दहेज के मामलों में कानून द्वारा सख्ती बरती जाए "


ऐसा कोई अखबार नहीं, जिसमें हर रोज दो - चार खबरें बलात्कार और दहेज मामले की ना छपती हों। ये आज के भारत की सच्चाई है। जिस सच्चाई को बदलना जरूरी है। हर बलात्कारी को बीच चौराहे पर जनता के सामने फाँसी दी जानी चाहिए, जिससे ये सीख मिले कि कोई दूसरा भविष्य में कभी बलात्कार करने की तो दूर, उसके बारे में सोचे तक नहीं।

और दहेज - प्रताड़ना एवं दहेज - हत्या पर लगाम लगाने हेतु ये कदम सार्थक हो सकता है कि हर विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो और रजिस्ट्रेशन के समय ही ये बात लिख दी जाए कि मैंने दहेज या स्त्रीधन या उपहार के रूप में वरपक्ष को अमुक सामान और धनराशि दी है। इसके सिवाय भविष्य में कुछ और नहीं दूँगा।

अगर कभी मेरी बेटी को दहेज के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है तो वर और उसके परिवार को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और यदि मेरी बेटी की दहेज - प्रताड़ना के कारण हत्या होती है तो वर और उसके माँ - बाप को फाँसी दी जाएगी, ऐसा प्रावधान भारत के हर नागरिक पर लागू होना चाहिए। 

जब देश का कानून इतना सख्त हो जाएगा, तभी नया भारत फिर से विश्वगुरू बन सकेगा। 


✒️ एड० जी०एस० कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'

   (एलएलबी, बुंदेलखंड कॉलेज, झाँसी)

  _ 30/1/2021_08:01भोर_झाँसी


Saturday 20 February 2021

बीकेडी गोलीकाण्ड झाँसी से सबक लेने की जरूरत - कुशराज झाँसी

 

लेख - " बीकेडी गोलीकाण्ड झाँसी से सबक लेने की जरूरत "


           
                  बीकेडी कॉलेज झाँसी गोलीकाण्ड...
                   वीडियो साभार : सोशल मीडिया 

बुन्देलखंड के झाँसी में आज तारीख 19 फरवरी 2021, शुक्रवार को तकरीबन दोपहर साढ़े बारह बजे बीकेडी (बुन्देलखंड कॉलेज) में हुए गोलीकाण्ड से शासन - प्रशासन, देश - दुनिया, समाज - क्षेत्र, छात्र - छात्रा और युवा - युवतियों को सबक लेने की जरूरत है और इस गोलीकाण्ड पर हम सबको गम्भीरता से विचार करने की सख्त जरूरत है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेम - प्रसंग यानी लव - अफेयर्स के चलते एक छात्र ने अपने सहपाठी दूसरे छात्र पर भरे क्लासरूम में ही गोली चला दी, जिससे छात्र गम्भीर रूप से घायल हो गया और फिर अपराधी ने एक छात्रा के घर पर जाकर, उस पर गोली चला दी। छात्रा को गोली गर्दन पर लगी, जिससे उसकी तत्काल मौत हो गई। ये तीनों कॉलेज से एमए साइकोलॉजी की शिक्षा ले रहे थे। फिलहाल अपराधी को झाँसी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। अपराधी को निन्दनीय हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा मिलती है या फिर फाँसी, ये तो कोर्ट के निर्णय निर्भर करेगा। लेकिन ऐसे हत्यारे अपराधी को जल्द ही सजा मिले, ऐसी हम अपेक्षा करते हैं, जिससे लोगों का कानून - व्यवस्था में विश्वास कायम रह सके।


                   
                 वीडियो साभार : सोशल मीडिया

अब हम बात करते हैं इस गोलीकाण्ड से सबक लेने की, तो सबसे पहले युवा छात्रों और युवती छात्राओं को इससे यह सबक लेना चाहिए कि उनको जमाने के हिसाब से तो चलना है लेकिन सावधान होकर। इस गोलीकाण्ड वाले मामले में यह हो सकता है कि गोली खाने वाले छात्र - छात्रा आपस में प्रेमी - प्रेमिका हों और अपराधी की किसी वजह से इन दोनों से रंजिश चलती हो या फिर छात्रा अपराधी की गर्लफ्रैंड रही हो या फिर गर्लफ्रैंड बनने से उसने मना कर दिया हो, इन सब पहलुओं में से कुछ भी हो सकता है। 

कॉलेज लाइफ में अक्सर छात्र - छात्राएं प्रेम - प्रसंग में पड़ जाते हैं। प्रेम - प्रसंग में पड़ने को यानी किसी से प्यार करने को मैं सही या गलत नहीं कह रहा हूँ लेकिन इतना जरूर कह रहा हूँ कि यदि कोई छात्र किसी छात्रा के प्रेम - प्रसंग में पड़े या फिर कोई छात्रा किसी छात्र के प्रेम - प्रसंग में पड़े, तो वह जल्दबाजी में कोई फैसला ना लें। क्योंकि जल्दबाजी में लिए गए अक्सर फैसले जिंदगी के लिए सही साबित नहीं होते हैं। हमें फैसले चार - छह महीने तक बहुत सोच - विचार कर लेने चाहिए। क्योंकि इन चार - छह महीनों में दोनों एक - दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान जाते हैं और एक - दूसरे पर बहुत विश्वास भी करने लगते हैं। 

किसी से प्रेम होने पर सबसे पहले एक - दूसरे के बारे में कुछ जरूरी बातें जरूर जान लेनी चाहिए कि उसकी सोच और विचारधारा हमसे मिलती है या नहीं, उसे क्या पसन्द है और क्या नहीं, वो अमीर परिवार से है या फिर गरीब परिवार से, उसे भविष्य में क्या बनना है, वो जीवन में क्या अच्छे काम करना चाहता है या चाहती है। यदि हम दोनों प्रेमी - प्रेमिका बन जाते हैं तो दोनों को कोई परेशानी तो नहीं होगी। समाज में हमारे प्रेम - प्रसंग के कारण इस बीकेडी गोलीकांड जैसी कोई अनहोनी घटना तो नहीं होगी। मतलब अपने प्रेम - प्रसंग के चलते एक - दूसरे को समाज, परिवार और दोस्तों के सावधान रहने की जरूरत होती है। क्योकिं कोई हमारे प्रेम - प्रसंग को अच्छी नजर से देखता है तो कोई बुरी नजर से। ये सब हमको मैनेज करके चलना चाहिए होता है। प्रेमी - प्रेमिका बनने के समय ये बात भी जरूर जान लेनी चाहिए कि लड़के की कोई पहले तो गर्लफ्रैंड तो नहीं है या फिर लड़की का कोई पहले से बॉयफ्रेंड तो नहीं है और यदि है भी तो वो दोनों एक - दूसरे से प्रेमी - प्रेमिका बनने के बाद किसी दूसरे से बॉयफ्रेंड - गर्लफ्रैंड वाला रिलेशन नहीं रखेंगे। क्योंकि ऐसा होने से दोस्ती और प्रेम - प्रसंग लम्बे समय तक भी कायम रह सकता है बशर्ते उन दोनों में से कोई एक - दूसरे को धोखा न  दे, किसी से छुपाकर कोई अशोभनीय कार्य न करे, और दोनों एक - दूसरे पर अटूट विश्वास बनाए रखें। दोनों में से किसी को भी यदि कोई परेशानी होती है या फिर किसी मदद की जरूरत होती है तो वे आपस में ही निपटा लें। यही   न्याय, साम्य और सद्विवेक के सिद्धांत के अनुसार ठीक भी है। आगे सबकी अपनी - अपनी मर्जी लेकिन सबकी मर्जी भी नहीं चलती क्योंकि सरकार और समाज के हिसाब से भी चलना होता है। क्योंकि राज्य और समाज के बगैर हमारा कोई अस्तित्त्व नहीं है।  

ये जरूरी नहीं है कि छात्र - छात्रा आपस में प्रेमी - प्रेमिका बनकर रहें। वो दोनों अच्छे और सच्चे दोस्त बनकर भी रह सकते हैं। क्योंकि दोस्ती का रिश्ता अटूट रिश्ता होता है, इस रिश्ते जैसा दुनिया में कोई रिश्ता नहीं। आज के समय में एक लड़का - लड़की भी आपस में सच्चे दोस्त होते हैं। जैसे लड़के आपस में दोस्त होते हैं और लड़कियाँ आपस में सहेलियाँ। आज के समय की मांग के हिसाब से मैं कहता हूँ - "लड़का - लड़की एक समान। सबको शिक्षा सबका सम्मान।।"

यदि लड़का - लड़की आपस में सच्चे दोस्त हैं तो वे जिंदगी में कभी बिछड़ने का नाम नहीं लेते। वे जिंदगी में कभी भी एक दूसरे से मिल सकते हैं और खैरियत पूँछ सकते हैं। यदि  दोस्त लड़के की शादी हो गयी है तो दोस्त लड़की उसकी शादी के बाद भी उससे मिल सकती है। और ऐसा ही लड़की की शादी होने पर होता है और दोस्त लड़का लड़की की शादी के बाद भी उससे मिल सकता है बशर्ते लड़के की पत्नी मॉडर्न सोच वाली मिले और लड़की का पति भी मॉर्डन सोच वाला हो। तभी ऐसा सम्भव है। 

यदि लड़का - लड़की आपस में बॉयफ्रेंड - गर्लफ्रैंड हैं और किसी बजह से आपस में खटपट हो गई तो वे एक - दूसरे से ब्रेकअप कर लेते हैं और जिंदगी में द्वारा एक - दूसरे से मिलने का नाम नहीं लेते। ऐसा देश के छोटे - बड़े शहरों और मैट्रो शहरों में ट्रेंड में चल रहा है। ऐसा बुन्देलखंड के रूढ़िवादी समाज  और ग्रामीण भारतीय समाज के हिसाब से ठीक नहीं माना जा रहा है और ठीक माना भी नहीं जाना चाहिए क्योंकि विकसित और अविकसित समाज की संस्कृति और सभ्यता में जमीन - आसमान का अंतर होता है, जिसे हम सबको भलीभाँति समझ लेना चाहिए।

अब हम सबको इस गोलीकांड से दूसरा सबक ये लेना चाहिए कि जबतक कानून - व्यवस्था चुस्त - दुरुस्त नहीं होती, शिक्षण संस्थानों जैसे -  स्कूल, कॉलेजेज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम नहीं होते, तब तक डर कर रहने में ही फायदा है क्योंकि हमारी जान बचेगी तभी तो ये दुनिया दिख सकेगी। मानता हूँ कि - "शिक्षा ही एकमात्र ऐसा हथियार है, जो दुनिया की कोई भी जंग जिता सकता है।" लेकिन जबतब बीकेडी जैसे शिक्षण - संस्थानों सुरक्षा के कड़े इंतजाम नहीं हो जाते तब तक वहाँ शिक्षा लेने ना जाने में ही  हम सबकी भलाई है। कॉलेज में सुरक्षा के लिए कॉलेज के गेटों पर बॉचमेन और गार्डों की व्यवस्था की जा सकती है और आज के तकनीकी युग में मेटल डिटेक्टर गेट की भी व्यवस्था करायी जा सकती है। जिससे कॉलेज शिक्षा के द्वारा बुन्देलखंड के सतत विकास के लक्ष्यों को पा सकने में कामयाब हो सके।

इसलिए हर वक्त सतर्क रहिए और थोड़ी सी अनहोनी की आशंका होने पर वहाँ खिसक लीजिए, इसी में हम सबकी भलाई है। कॉलेजों में और समाज के सार्वजनिक स्थलों पर नारी - सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना बहुत जरूरी हैं, नहीं तो समाज और देश अपराधियों के खौप के कारण और पीछे चला जाएगा, जिसे फिर से विश्वगुरु की स्थिति में लाने के लिए बहुत समय लगेगा इसलिए शासन और प्रशासन को वक्त रहते नागरिक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर देने चाहिए, जिससे द्वारा बीकेडी गोलीकाण्ड झाँसी जैसी कोई निंदनीय घटना न घट सके। 

                    ।। जै हो ।।


✒️ एड० जी०एस० कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'

    (एलएलबी, बीकेडी कॉलेज, झाँसी)

     _19/2/2021_09:54 रात_झाँसी


    



Wednesday 10 February 2021

अयोध्या मस्जिद की तरह हर मस्जिद में स्त्रियों को नमाज पढ़नी चाहिए - कुशराज झाँसी


लेख - " अयोध्या मस्जिद की तरह हर मस्जिद में स्त्रियों को नमाज पढ़नी चाहिए। "


                           अयोध्या मस्जिद

               फोटो साभार : दैनिक भास्कर पोर्टल


अयोध्या में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली धन्नीपुर में पांच एकड़ जमीन पर बनने वाली अयोध्या मस्जिद विश्वस्तरीय वास्तुकला का नमूना होगी। इस अत्याधुनिक मस्जिद का डिजाइन मशहूर आर्किटेक्ट प्रो० एस एम अख्तर ने बनाया है, जिसे इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन द्वारा लखनऊ में जारी किया गया। यह मस्जिद दो तल की होगी, जिसकी सबसे खास बात यह है कि इसके हॉल में स्त्रियों के नमाज पढ़ने के लिए अगल से स्थान बनाया गया है। जो अभूतपूर्व कार्य है। इस मस्जिद की तरह हर मस्जिद में स्त्रियों को नमाज पढ़नी चाहिए और उनके लिए स्थान आरक्षित रहना चाहिए। मस्जिद के साथ ही जो सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बन रहा है वो परोपकार के लिए ही होना चाहिए और स्त्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस हॉस्पिटल को माहवारी जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। जिससे सामाजिक परिवर्तन हो और हम नित नए विकास के कीर्तिमान रच सकें।


✒️ एड० जी० एस० कुशवाहा

       'कुशराज झाँसी'

     _20/12/2020_09:20भोर_झाँसी

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  हिंदी बिभाग, बुंदेलखंड कालिज, झाँसी में मुखिया आचार्य संजै सक्सेना जू, आचार्य नबेन्द कुमार सिंघ जू, डा० स्याममोहन पटेल जू उर अनिरुद्ध गोयल...