Monday 30 April 2018

" अपनी मातृभाषा में काम करो "


आज मेरी सबसे बड़ी कमी और परेशानी ये है कि मुझे अंग्रेजी नहीँ आती है। मैं न ठीक से अंग्रेजी समझ पाता हूँ और न ही बोल पाता हूँ। मुझे अंग्रेजी का थोड़ा बहुत ज्ञान तो है। पर सबसे बड़ी बात ये है कि मैं विदेशी भाषा को उतना महत्त्व नहीं देता जितना अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा 'हिन्दी' को और आपसे भी कहता हूँ कि आप भी मेरा साथ दीजिए और विदेशी भाषा का कामचलाऊ ज्ञान रखिए और अपनी मातृभाषा में सारा काम कीजिए और अपनी तरक्की और अपने देश की तरक्की कीजिए । 
                     कोई भी देश किसी विदेशी भाषा में कामकाज करके तरक्की नहीं करता और न ही कर सकता है। प्रत्येक विकसित देश सदैव अपनी मातृभाषा में काम करके इस मुकाम तक पहुँचा है। इसी संबंध में 'भारतेंदु हरिश्चन्द जी' ने कहा हैं - " निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कौ मूल।
बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को शूल।। "
                     हमारे भारत देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि ये मातृभाषा के साथ विदेशी भाषा अंग्रेजी में अपने राज - काज का क्रियान्वयन करता है। जिस दिन से हमारा देश विदेशी भाषा अंग्रेजी, जिसके हम मानसिक गुलाम हैं, उसमें राज - काज करना छोड़ देगा और केवल अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा 'हिंदी' में राज - काज का क्रियान्वयन शुरू कर देगा। उसी दिन से इसकी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होना शुरू हो जायेगी और ये विकसित देश बन जायेगा और साथ ही साथ फिर से 'विश्वगुरु' और 'सोने की चिड़िया' की पदवी को पा लेगा। 

- कुशराज झाँसी

_ 29/4/2018 _ 1:35 रात _ दिल्ली



           

Monday 23 April 2018

"अब मैं अबला नहीं, सबला हूँ।"


हे नारी! 
अब तुम अबला नहीँ; सबला हो
फिर भी तुम क्यूँ ठगी जाती हो?
मुझे समझ नहीँ आता
तुम जल्द ही किसी के प्रेमजाल में क्यूँ फँस जाती हो?
और हर बार तुम ही दोषी साबित होती हो
मैं ये नहीँ कहता - 
प्रेम करना बुरी बात है
लेकिन ये जरूर कहता हूँ - 
कि प्रेम सोच समझकर करो
क्यूँकि जमाना बदल गया है
और उसके साथ ही साथ लोग 
और उनकी सोच और मानसिकता भी
वो आज भी तुम्हें भोग-विलास की वस्तु समझते हैं
फिर भी तुम सब कुछ जानते हुए भी
अबला ही बनी रह जाती हो
अपने ठगियों को क्यूँ नहीँ समझाती हो
क्यूँकि अब तुम अबला नहीँ, सबला हो
तुम ईंट का जबाव पाथर से दो
जो तुम्हें ठगता है
उनसे कहो -
अब मैं अबला नहीँ, सबला हूँ
पहले मैं तुमको कई बार परखूँगी
फिर तुम्हारे प्रेमजाल में फसूँगी
अगर फिर भी तुम ठगोगे
तो तुम पर दया न बरतकर
तुम्हें उसकी कड़ी से कड़ी सजा दूँगी
यहाँ तक मौत भी
इसलिए सचेत करती हूँ -
अब तुम सुधर जाओ और सम्भल जाओ
मुझ पर अत्याचार करना बंद करो
क्या तुम्हें पता नहीँ -
कि जहाँ नारियों का सम्मान होता है वहाँ देवता निवास करते हैं
यदि तुम मेरा सम्मान नहीँ करोगे
तो मैं भी तुम्हारा सम्मान नहीँ करुँगी
अब मैं बार - बार मिलन - जुदाई के चक्कर में नहीँ फसूँगी
एक बार ही सोच - समझकर प्रेम करुँगी
अब मैं अबला नहीँ, सबला हूँ।

- कुशराज झाँसी

_ 22/4/2018 _ 4:32शाम _ दिल्ली

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Wednesday 18 April 2018

हम सब इंसान हैं।

चाहे हिन्दू चाहे मुस्लिम,
हम सब इंसान हैं।
     जिस भूमि पर हिन्दू जन्मे,
     उस भूमि पर मुस्लिम ।
     दोनों ही पले-बड़े इस भूमि पर,
     दोनों की यह भूमि है ।
जानता हूँ -
हिन्दुओं का स्थान है हिन्दुस्तान।
मुस्लिमों का स्थान है पाकिस्तान।
पर दोनों स्थानों में भेद क्या है?
दोनों ही स्थान हैं।
     हिन्दू कहते हमारे प्रभु राम हैं।
     मुस्लिम कहते हमारे अल्लाह हैं।
     पर दोनों प्रभुओं में भेद क्या है?
     दोनों ही प्रभु स्वरूप हैं।
हिन्दुओं का ईश्वर निवासस्थान है मंदिर।
मुस्लिमों का मस्जिद।
पर दोनों ईश्वर निवासस्थानों में भेद क्या है?
दोनों ही ईश्वर निवासस्थान हैं।
     हिन्दू कहते हमारा पवित्रस्थान प्रयाग है।
     मुस्लिम कहते हमारा मक्का।
      पर दोनों पवित्रस्थानों में भेद क्या है?
      दोनों ही पवित्रस्थान हैं।
हिन्दू - मुस्लिम आपस में क्यूँ लड़ते हो?
लड़ने से मिलता है क्या?
लड़ने में होता है नुकसान,
दोनों का या।
     अपने मन से हिन्दुआई - इस्लामियत मिटाओ,
     दोनों एक मंच पर आओ।
      एक नया इहिहास बनाओ,
      सबसे पहले अपने में इंसानियत लाओ।
जिस भूमि पर हिन्दू जन्मे,
उस भूमि पर मुस्लिम।
दोनों की यह भूमि है,
यह भूमि है।
     चाहे हिन्दू चाहे मुस्लिम,
     हम सब इंसान है।।

- कुशराज झाँसी

_17/4/2018 _ 9 : 45 रात _ दिल्ली


 





           



Sunday 15 April 2018

" बेटी को बचाना होगा "

यदि मानव वंश चलाना है तो
बेटी को बचाना होगा
बेटी को बचाना होगा
जानते हो, क्यूँ?
क्योंकि बेटी ही माँ बनती है
जिससे हम सब इंसान पैदा होते हैं
यदि बेटी नहीँ बचाई
तो अरे इंसानो!
तुम भी नहीँ बचोगे
जो तुम कहते हो - 
मैं हिन्दू हूँ , तुम मुस्लिम हो
हम दोनों एक - दूसरे  के दुश्मन हैं 
तुम्हारी बेटी, मेरी बेटी नहीँ थी 
इसलिए मैंने उसकी इज्जत लूटी
ये मत सोचो -
तुमने हैवानियत करके अच्छा किया'
दुनिया माफ़ कर देगी
जमाना बदल गया है
अब माफ़ी नहीँ।
फाँसी होगी - फाँसी होगी।।

- कुशराज झाँसी

_ 15/4/2018_ 2:18रात _दिल्ली
  



  
















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