Wednesday 24 October 2018

महात्मा हंसराज पैनल


         *   महात्मा हंसराज पैनल, हंसराज कॉलेज  *
                     दिल्ली विश्वविद्यालय
     (Mahatma Hansraj Panel  'MHP', Hansraj College Delhi University)
         * राजनैतिक संगठन (Political Organization)*
                          * आदर्श वाक्य *
            "काम करेगा जो - नाम करेगा वो - कुशराज"
* स्थापना -: 31 अगस्त 2018 मध्यरात्रि
* स्थान -: मल्कागंज हंसराज कॉलेज दिल्ली
                     * संस्थापक - अध्यक्ष *
                  (Founder & President)
               " गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'
            कला स्नातक हिंदी प्रतिष्ठा द्वितीय वर्ष
      (Girja Shankar Kushvaha 'Kushraaz')
             (B.A. Hindi Honours 2nd Year)"
           संपर्क (Contact) -  8800171019
        व्हाट्सअप (WhatsApp) - 8800171019
           फेसबुक (FB) -  कुश राज
         इंस्टाग्राम (Insta) - kushraaz.official
     ब्लॉग (Blog) - कुशराज की रचना
             (kushraaz.blogspot.com)
              * कार्यकारणी परिषद् (Executive Council) *
1. अदिति पुरोहित
2. विभव यादव
3. शारदा प्रसाद
4. बृजकिशोर मौर्य
5. बिमोल
6. श्रीकृष्ण यादव .........................आदि।
                   
                          * उद्देश्य (Mission) *
1. हंसराज कॉलेज का चहुँमुखी विकास।
2. प्राचार्या महोदया डॉ. रमा जी के महान संकल्प 'हंसराज कॉलेज को विश्व का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज बनाना है' को सिद्धि तक पहुँचाने में तन, मन और धन समर्पित करना।
3. भारतीय राजनीति को विश्व पटल पर स्थापित करना।
4. भारतीय संस्कृति, समाज और भाषा का चहुँमुखी विकास करना।


            
                            










Tuesday 23 October 2018

* हंसराज कॉलेज में 70% अटेंडेन्स अनिवार्य होने से कॉलेज से हम माँग करते हैं कि सोसायटीज को 25% और स्पोर्ट्स को 40% अटेंडेंस देने की कृपा करें ~: कुशराज *


* हंसराज कॉलेज में 70% अटेंडेन्स अनिवार्य होने से कॉलेज से हम माँग करते हैं कि सोसायटीज को 25% और स्पोर्ट्स को 40% अटेंडेंस देने की कृपा करें ~: कुशराज *
             कुछ दिन पहले कॉलेज प्राचार्या डॉ. रमा मैम ने स्टूडेन्ट्स के लिए 70% अटेंडेन्स अनिवार्य कर दी है। यदि किसी स्टूडेंट की 70% अटेंडेन्स नहीँ हो पाती है तो वो परीक्षा (एग्जाम) नहीँ दे पाएगा।
         अभी सोशल मीडिया पर यह देखने को मिला है कि जिन स्टूडेंट्स की अभी तक 70% से अटेंडेंस कम है। उनके घर पर कॉलेज की ओर से चेतावनीपूर्ण लेटर भेजा गया है और अभिभावक को इस बारे में अवेयर किया गया है और स्टूडेंट्स को 70% अटेंडेंस पूरी करने को कहा गया है।
           जब इस बारे में मैंने प्रिंसिपल मैम से बात की तो मैम ने कहा कि ये लेटर वाली बात 100% सही है। 70% अटेंडेन्स के बारे दिल्ली यूनिवर्सिटी के नियमानुसार कॉलेज प्रोस्पेक्टस में लिखा हुआ है। आप इस जानकारी को फैलाएँ कि सभी स्टूडेंट्स सेमेस्टर एग्जाम से पहले अपनी 70% अटेंडेन्स पूरी करें तभी वो एग्जाम दे पाएँगे। मैंने कहा - जी मैम।
            कॉलेज में 70% अटेंडेन्स कंपल्सरी होने से ई सी ए, सोसायटीज और स्पोर्ट्स स्टूडेंट्स को भारी नुकसान हुआ है क्योंकि ये स्टूडेंट्स कॉलेज के लिए बड़ी तत्परता से काम करते हैं। उनकी 70% अटेंडेन्स किसी भी हालात में पूरी नहीँ हो पाती। इसलिए हम कॉलेज से माँग करते हैं कि ई सी ए और सोसायटीज को उनके काम हेतु 25% और स्पोर्ट्स स्टूडेंट्स को 40% अटेंडेन्स दी जाए। ताकि ये स्टूडेंट्स भी अपनी 70% अटेंडेन्स पूरी कर सकें और हंसराज कॉलेज को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज बनाने  में अपना योगदान दे सकें।
              ई सी ए कन्वेनर डॉ. माया मैम ने कहा है कि इस संबंध में जल्द ही हम सोसायटीज कन्वेनर और प्रेजिडेंट की मीटिंग बुलाएँगे और स्पोर्ट्स कन्वेनर सर एम. पी. शर्मा ने भी मेरा साथ देने को कहा है।
           आपका अपना
गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'
संस्थापक - अध्यक्ष ~: महात्मा हंसराज पैनल
हंसराज कॉलेज
8800171019


*"In compensation of the 70% mandatory Attendance in Hansraj college, we request  25% attendance for Societies and 40% attendance for Sports ~ Kushraaz"*

            A few days back, our respected Principal, Dr. Rama Ma'am made it compulsory for every student to have a minimum of 75% attendance to be eligible for the university examination.

         Recently through Social Media, it has come out that guardians of students with lesser attendance have been notified and informed of the said norm with a warning to complete 70% attendance to be eligible to sit in the examination via a letter.

         When I talked to principal ma'am about the same, she confirmed the information that these letters have been sent and you should make this clear to all the students also.

        With this norm, Students from ECA, Societies and those in Sports will have to bear major losses, they can not complete their  attendance in any way, which is why we request the college administration to consider our case and please impart attendance on the basis of contribution via ECA, Societies and Sports, so that even these students can sit for Semester Exams.
             ECA Convener Dr. Maya ma'am has said that she will call a meeting with Convenors of all the ECA, Societies and the college President.
About the same, Sports Convener Sir MP Sharma has also shown his Support.

      *Regards*
*GirjaShankar Kushvaha 'Kushraaz'*
*Founder & President ~:* *Mahatma Hansraj Panel*
*Hansraj College*

8800171019



Monday 22 October 2018

स्त्री


* 'स्त्री - 2018 फिल्म' पर विशेष *

स्त्री प्यार की भूखी है, हवश की शिकार की नहीं।
स्त्री सम्मान लेना चाहती है, अपमान नहीँ।
स्त्री सम्मान देना चाहती है, अपमान नहीँ।
स्त्री समानता चाहती है, असमानता नहीँ।
     स्त्री अपनी मर्जी से चलना चाहती है, आपकी से नहीँ।
           स्त्री को जो आप पहले समझते थे, अब वो नहीँ।
           स्त्री अब सबला है, अबला नहीँ।
          स्त्री रक्षा करना चाहती है, करवाना नहीँ।
स्त्री साथ चलना चाहती है, दूर भागना नहीँ।
स्त्री प्यार की भूखी है, हवश की शिकार की नहीँ।।

         - कुशराज झाँसी  
(संस्थापक - महात्मा हंसराज पैनल हंसराज कॉलेज)

_03/09/2018_ 9:46 रात _ दिल्ली


                 

सोशल मीडिया पर टिप्पणियाँ (Comments on Social Media)



(1) 23 मार्च 2018 को हमारे सीनियर सुशांत सिंह राजपूत ( आदर्श भैया) मेरे और पूर्णिमा दी के साथ वाली फोटो के स्टेटस (कैप्शन) में इंस्टाग्राम पर मुझे "कलम का जादूगर कुशराज" करके संबोधित करते हैं। जब मैंने भैया से पूँछा कि आपने मुझे 'कलम का जादूगर' की उपाधि क्यों दी। तब भैया ने कहा कि तुम बहुत अच्छा लिखते हो और प्रतिदिन कुछ नया लिखते हो। समसामयिक मुद्दों के साथ - साथ समाज के हर पहलू पर कलम चलाते हो। क्रांतिकारी विचार भी लिखते हो। तुम्हारी हर रचना बहुत गहराई से पढ़ने लायक होती है। तुम हमेशा समाज सुधार की बात करते हो। क्रांति करके परिवर्तन लाना चाहते हो और सही मायने में विकास करना चाहते हो इसलिए तुम सच में 'कलम के जादूगर' हो। 
✍ susant_singh_rajpoot (सुशांत सिंह राजपूत)

(2) फूल वही चुन पाते हैं, जो काटों से टकराते हैं।
जो काटों से टकराते हैं, वो कुशराज कहलाते हैं।।
जय बुन्देलखण्ड 
 जय कुशराज
✍ आशुतोष चौबे (22/10/2018)


(3) मिराकी पर मेरी रचना "सभ्य समाज - उज्ज्वल भारत" पर  सत्यमप्रकाश जी ने निम्नलिखित टिप्पणी की -
"ऐसी मनौवैज्ञानिक मान्यता है कि व्यक्ति के नाम का प्रभाव उसकी छवि पर पड़ता है। मैं यह बात नहीँ मानता था लेकिन आज उदाहरण सम्मुख देख लिया। दिव्यांश भाई आपका नाम आपकी कलम तक को प्रभावित करता है। आपमें दिव्यता का अंश झलक रहा है - आपकी कविता से ही। यूँ ही लिखें, बहुत अच्छा लिखा आपने।"
  ✍ ऋतुपर्ण (सत्यमप्रकाश) 
 Mirakee -: satyamprakash
             सत्यमप्रकाश जी ने मेरी मित्र 'दिव्यांशा खजूरिया' द्वारा रचित "उद्धार" कविता को पढ़ा और उसे मेरी रचना समझकर मुझे "दिव्यांश भाई" के नाम से सम्बोधित किया। मैंने उद्धार कविता की आलोचना की है और कविता एवं आलोचना को साथ मिलाकर "सभ्य समाज - उज्ज्वल भारत" नामक लेख से रचना प्रकाशित की है।  सत्यमप्रकाश जी का बहुत - बहुत धन्यवाद! मुझे "दिव्यांश भाई' नाम देने के लिए। और दिव्यांशा जी का भी बहुत - बहुत धन्यवाद! जिनके नाम पर मुझे 'दिव्यांश' नाम मिला।
#कुशराज_23/10/18_4:04am


Sunday 21 October 2018

सभ्य समाज - उज्जवल भारत

कविता - "उद्धार"

शरहद से फांसले अनेक,
पर हम सबका मालिक एक।

दिलों में है नफ़रत का जहर
शहरों में दरिंदों के खौफ़ का कहर

भारत माता का नारा लग रहा
देवी मां का जयकारा भी दोहरा रहा
फिर भी नारी का सम्मान क्यों नहीँ हो रहा

जिन हाथों ने चलना सिखाया
उन्हें बेसहारा कर दिखाया
आखिर क्यों ये दिन दिखलाया

उन्हें जीते जी क्यों मार गिराया
नाइंसाफी का सिलसिला बहुत बढ़ा है
हमारी आँखों में पानी भरा है

हम ने भी अब उद्धार करना है ठाना
अपने देश को जन्नत बनाना।

✍ दिव्यांशा खजूरिया

'उद्धार' नामक कविता में दिव्यांशा जी ने आज के भारत देश के हालातों को बखूबी चित्रित किया है। शरहद यानि जाति, धर्म आदि के आधार पर हम इंसान आपस में बँट गये हैं जो सत्य है। हम सबका मालिक एक नहीँ है। किसी का मालिक भगवान राम है तो किसी का अल्लाह। किसी का मालिक भगवान बुद्ध है तो किसी का ईसा मसीह और किसी का बिरसा मुण्डा। इस विभाजन से इंसानों में एक - दूसरे के प्रति नफ़रत पैदा हो गयी है और साथ – साथ दरिन्दों का कहर हद से ज्यादा बढ़ गया है। जिसका जीता जागता उदाहरण आशिफा और गीता जैसीं मासूम कन्याओं का बलात्कार है। जो बहुत गलत है। इसे बड़े सिरे से रोकना है। जिसे अब मीटू अभियान के तहत रोक भी जा रहा है। इस दरिंदगी को को ख़त्म करने और नारियों को उनका सम्मान दिलाने का दिव्यांशा जी ने संकल्प लिया है। हम भी उनके साथ है और आप सभी से भी विनम्र निवेदन करते हैं कि इस संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाने में पूरा साथ दें। कोई एक किसी काम की शुरुआत करता है लेकिन वो हम सबका साथ लेकर उस काम को बड़े बेहतर तरीके से सम्पन्न कर लेता है। इसलिए हम सब साथ मिलकर अपने देश और दुनिया से दरिंदगी, बलात्कार, यौन शोषण, अत्याचार, आतंकवाद और भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करेंगे और सभ्य समाज का निर्माण करेंगे। अपने देश में फिर से रामराज्य की स्थापना करके जन्नत का अनुभव करेंगे और दुनिया के समक्ष अनोखा उदाहरण पेश करेंगे।

- कुशराज झाँसी

- 21/10/2018_3:35दिन _ दिल्ली

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Thursday 18 October 2018

हंसराज में स्टूडेंट ऑफ द ईयर अवॉर्ड की शुरुआत


* हंसराज के छात्रसंघ चुनाव के परिणाम घोषणा के साथ प्राचार्या महोदया ने किया महात्मा हंसराज पैनल का एक एजेण्डा पास *
आज 12 सितम्बर 2018 को हंसराज कॉलेज छात्रसंघ का चुनाव हुआ। जिसमें रेवोल्यूशन पैनल और चेन्ज पैनल ने प्रतिभाग किया। सुबह 08:40 से शाम 01:00 बजे तक छात्र - छात्राओं ने वोटिंग की। शाम 03:00 बजे सभागार में छात्र - छात्राओं, छात्र नेताओं, प्राध्यापक - प्राध्यापिकाओं और कर्मचारियों की उपस्थिति में चुनाव - परिणाम घोषित करते समय प्राचार्या डॉ. रमा मैम ने अपने सम्बोधन में दोनों पैनलों के मुद्दों और कार्यकलापों का विश्लेषण किया और 31 अगस्त 2018 को स्थापित महात्मा हंसराज पैनल (एम एच पी) के एक एजेण्डे " स्टूडेन्ट ऑफ द ईयर अवॉर्ड मिलना चाहिए "  को पास किया और कहा कॉलेज की ' द वॉल ऑफ फेम ' पर 'स्टूडेन्ट ऑफ द ईयर' की तस्वीर लगायी जाएगी। इस घोषणा से सभी बहुत प्रसन्न हुए।
                 रेवोल्यूशन से मुकाबला करते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में अमित कुमार सिंह विजयी घोषित हुए और साथ ही साथ चेन्ज पैनल के समस्त प्रत्याशी विजयी हुए।
                  प्राचार्या महोदया और हंसराज कॉलेज परिवार को 'स्टूडेन्ट ऑफ द ईयर अवॉर्ड शुरू होगा' नामक एजेण्डा को पास करने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद्!
                                 आपका अपना -:
                      गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'
                      (बी. ए. हिंदी ऑनर्स द्वितीय वर्ष)
      संस्थापक - अध्यक्ष ~ महात्मा हंसराज पैनल हंसराज कॉलेज
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Monday 15 October 2018

बुन्देलखण्ड प्रान्त बनाओ - गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'

               
लेख : " बुन्देलखण्ड प्रान्त बनाओ "


बुन्देलखण्ड का भारत में महत्त्व एवं अस्तित्त्व प्राचीन काल से रहा है। बुन्देल खण्ड प्रमुख रूप से बुन्देले राजपूतों से सम्बद्ध रहा है। विद्वानों का मानना है कि बुन्देलों की निवास भूमि होने के कारण यह भूभाग 'बुन्देलखण्ड' कहलाया।

बुन्देलखण्ड शब्द का विकास 'विन्ध्य' से इस प्रकार हुआ है -:
  विन्ध्य - विनध्य - विन्धय - विन्ध्येल - बुन्देल (खण्ड)
 
एक मान्यता यह भी है कि बुन्देले इस भूभाग के मूल निवासी नहीँ थे। वे यहाँ आकर बसे और 'बुन्देले' कहलाए। इस प्रदेश में विन्ध्य पर्वत की श्रेणियाँ हैं। इस कारण यह विन्ध्यखण्ड अथवा 'विन्ध्येल 
खण्ड' कहलाया और यह कालांतर में 'बुन्देल खण्ड' हो गया।

बुन्देलखण्ड : सीमा और क्षेत्र -:

इस विषय में दो काव्य पंक्तियाँ कही जाती हैं -

"गिरिगव्हर नद-निर्झर मलयता गुल्म तरू कुञ्ज भूमि है,
तपोभूमि साहित्य कलायुद वीर भूमि बुन्देल भूमि है।"

वर्तमान में सामान्य रूप से उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के निम्नलिखित जिले बुन्देल खण्ड के क्षेत्र में आते हैं -:

उत्तर प्रदेश - 1. झाँसी 2. ललितपुर 3. बाँदा 4. जालौन 5. हमीरपुर 6. महोबा 7. चित्रकूट

मध्य प्रदेश - 1. टीकमगढ़ 2. छतरपुर 3. पन्ना 4. सागर 5. नरसिंहपुर 6. भिण्ड 7. दतिया 8. होशंगाबाद 9. मुरैना 10. गुना 11. ग्वालियर 12. शिवपुरी 13. विदिशा 14. दमोह 15. श्योपुर 16. कटनी 17. रायसेन आदि।

बुन्देलखण्ड के निवासियों को वर्तमान में बुन्देलखण्डी कहा जाता है। बुन्देलखण्ड की भाषा 'बुन्देली' अथवा 'बुन्देलखण्डी' है, जो हिन्दी का अपभ्रंश रूप है। यह भाषा यहाँ पर मुख्य रूप से बोली जाती है। इस भाषा के साहित्य में महत्त्वपूर्ण एवं प्रमुख तथा प्रसिद्ध साहित्यकार जगनिक, ईसुरी, चंदबरदाई हैं। इसलिए बुन्देलखण्ड प्रान्त बनाओ और उसकी राजभाषा बुन्देली बनाओ। 

बुन्देलखण्ड का प्रत्येक क्षेत्र में अद्वितीय एवं महत्त्वपूर्ण स्थान है। जैसे - साहित्य के क्षेत्र में हिन्दी एवं विश्व साहित्य के क्षेत्र में यहाँ के राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, वृन्दावनलाल वर्मा, माखनलाल चतुर्वेदी, महावीरप्रसाद द्विवेदी, सियारामशरण गुप्त, इन्दीवर आदि अनेकों विद्वानों ने उल्लेखनीय कार्य किया है। शौर्य के क्षेत्र में तो इसका अद्वितीय अस्तित्त्व रहा है, जैसे - सन् 1857 ई० के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में यहाँ के वीर और वीरांगनाओं ने सफल नेतृत्त्व किया। बुन्देलखण्ड की झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई,  झलकारीबाई, अवन्तीबाई, गौस खाँ, कर्माबाई, रघुनाथजी इत्यादि वीर एवं वीरांगनाएँ देश को स्वतंत्र कराने में अपने प्राणों को न्यौछावर कर शहीद हो गए। सन् 1947 ई० के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी नेता चन्द्रशेखर आजाद बुन्देलखण्ड के ओरछा में तमसा (बेतवा) नदी के तट पर रहते थे। खेल के क्षेत्र में तो बुन्देलखण्ड की झाँसी को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यानचन्द 'दद्दा' विश्वप्रसिद्ध हैं। बुन्देलखण्ड के 'झाँसी' को बुन्देलखण्ड का केन्द्र कहा जाता है क्योंकि झाँसी के नागरिक झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, झलकारीबाई, राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, वृन्दावनलाल वर्मा, इन्दीवर, मेजर ध्यानचंद 'दद्दा' आदि ने बुन्देलखण्ड का नाम भारत में ही नहीँ बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध किया है इसलिए बुन्देलखण्ड की राजधानी 'वीरभूमि झाँसी' बनाओ।

          बुन्देलखण्ड का प्रत्येक क्षेत्र जैसे - शौर्य, खेल एवं साहित्य इत्यादि में महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसका वर्णन स्वरचित कविता ''बुन्देलखण्ड'' में किया जा रहा है, जो अग्रलिखित है -:

सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।।
यहाँ की पावन नगरी वीरभूमि झाँसी पर झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने लिए स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर।
यही वीरभूमि झाँसी के बुन्देल खण्ड का कश्मीर बरूआसागर में जन्मे थे फिल्मी गीतकार इन्दीवर।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।
इस क्षेत्र पर खाद्यानों, सब्जियों और फलों का अत्यधिक उत्पादन करता यहाँ का खेरा।
  
सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।
यहाँ के दशावतार मंदिर, रामराजा मंदिर और जटायु मंदिर 'जराय का मठ' आदि हैं विख्यात।
यहाँ के ओरछा धाम, चित्रकूट धाम और रतनगढ़ धाम इत्यादि धाम हैं पवित्र।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।
यहाँ पर झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, झलकारीबाई, महाराजा खेतसिंह खंगार, राजा मर्दन सिंह और आल्हा - ऊदल जैसे वीरों -वीरांगनाओं ने की क्षेत्र की रक्षा।
यहाँ के झाँसी का किला, गढ़कुण्डार का किला, तालबेहट का किला और महोबा का किला आदि में वीर - वीरांगनाएँ करते थे अपनी सुरक्षा।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।
इस तपोभूमि पर महर्षि वेदव्यास काल्पी - महाभारत के रचयिता, महर्षि वाल्मीकि चित्रकूट - रामायण के रचयिता और गोस्वामी तुलसीदास बाँदा - श्रीरामचरितमानस के रचयिता जैसे जन्मे महान विद्वान।
इस पावनभूमि के चित्रकूट वन में चौदह वर्ष रहे थे श्री लक्ष्मण जी, माँ सीता जी और श्रीराम भगवान।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।
यहाँ पर राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त चिरगाँव, उपन्यासकार वृन्दावनलाल वर्मा मऊरानीपुर और बुन्देली फागसाहित्य के रचयिता कवि ईसुरी मेढ़की मऊरानीपुर जैसे पैदा हुए महान साहित्यकार।
यहीं पर गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज' जरबौ झाँसी जैसे साहित्य रचना करते हैं सुसाहित्यकार।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।।
इस क्षेत्र में घने वृक्षों के शोभायमान वन लगते हैं मनोहर और यही वन मलय पवन चलाते हैं सुखकारी।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा बुन्देल खण्ड क्षेत्र हमारा।।

                 ।।जय बुन्देलखण्ड।।

                         इस प्रकार बुन्देल खण्ड का हर क्षेत्र में विशेष योगदान रहा है फिर भी आज बुन्देलखण्ड पृथक राज्य नहीँ बन पाया है। देश के उत्तराखण्ड, झारखण्ड, तेलंगाना आदि राज्यों का निर्माण कर दिया गया, लेकिन सबसे पुरानी बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की माँग पर सरकारें आँखें बंद किए हुए हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन में बुन्देलखण्ड के वीरों ने सबसे अधिक भागीदारी निभायी। वह ब्रिटिश हुकूमत की आँखों की किरकिरी बने रहे। परिणामस्वरूप ब्रिटिश हुकूमत के दौरान बुन्देलखण्ड का विकास नहीँ हुआ और देश स्वतंत्र होने के पश्चात् सरकारों ने बुन्देलखण्ड की घोर उपेक्षा की। 

       अनेक वर्षों से बुन्देलखण्ड को प्रान्त बनाने की माँग जोर - जोर से उठायी जा रही है, आज बुन्देलखण्ड क्षेत्र गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। यदि इसे पृथक प्रान्त का दर्जा दे दिया जाए तो इस क्षेत्र में विकास तेजी से प्रारम्भ हो जाए।

     बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा और बुंदेली वीर मंच बुन्देलखण्ड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संकल्पित हैं तथा इसके लिए हर संघर्ष के लिए संगठन के कार्यकर्त्ता तैयार हैं। बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बुंदेली वीर मंच के केन्द्रीय संयोजक इतिहासकार डॉ० चित्रगुप्त श्रीवास्तव जी 14 फरवरी 2016 को झाँसी के कचहरी चौराहे पर गाँधी पार्क में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ रहे हैं और बुन्देलखण्ड राज्य बनाओ आन्दोलन का क्रियान्वयन कर रहे हैं। इसलिए हम भी प्रत्येक बुन्देलखण्डवासी से निवेदन करते हैं कि बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में बढ़कर भाग लें। और मेरे निम्न कथनों को ध्यान में रखें -:

बुन्देलखण्ड हमारा है,  हमारा था, हमारा रहेगा।
जब तक बुन्देलखण्ड पृथक राज्य नहीँ बनेगा तब तक प्रत्येक बुन्देलखण्डवासी जी - जान से लड़ेगा।।

बुन्देलखण्ड हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, इसे मैं लेकर रहूँगा।

बुन्देलखण्ड प्रान्त बनायेंगे।
क्षेत्र का विकास करायेंगे।।

बुन्देलखण्ड प्रान्त बनाओ।
देश से बेरोजगारी हटाओ।।

बुन्देलखण्डवासी! हम किसी से कम नहीँ।
हमें मरने का गम नहीँ।।


- गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'

_ 20 जनवरी 2016 _ 9:34 रात _ बरूआसागर
   
(02 फरवरी 2016 मंगलवार, दैनिक जनसेवा मेल झाँसी में संपादकीय पृष्ठ 'दखल' में प्रकाशित)
                       










अपनी मातृभाषा हिंदी में काम करेंगे, देश - दुनिया का कल्याण करेंगे।


         
हंसराज कॉलेज सभागार में 14 सितंबर 2018 को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी सप्ताह उद्घाटन समारोह का सफल आयोजन हंसराज के पूर्व छात्र एवं गुजरात प्रांत के राज्यपाल माननीय ओमप्रकाश कोहली जी के सानिध्य, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रो. योगेश त्यागी जी के मुख्य आतिथ्य, कॉलेज की प्राचार्या महोदया डॉ. रमा जी के नेतृत्व और हिंदी साहित्य परिषद हंसराज के महासचिव गिरजाशंकर कुशराज की सक्रिय भूमिका में किया गया।

                  समारोह की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित  कर की गई। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. रमा जी ने अपने उद्बोधन में हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं प्रेषित करते हुए कहा - "हम सब इस राष्ट्र में एकता के सूत्र में बँधे रहें और संस्कृति, समाज मातृभूमि और मातृभाषा हिंदी से जुड़े रहें। मातृभाषा हिंदी हमारी संस्कृति की पोषक है, हमारी अभिव्यक्ति है, हमारी पहचान है। जब तक हंसराज कॉलेज है तब तक इस राष्ट्र का भविष्य  सुरक्षित है।  इस सुरक्षित भविष्य में आज आपने हमसे कदम से कदम मिलाया है। हमारा लक्ष्य एक ही है कि हंसराज कॉलेज को विश्व का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज बनाना और भारत का परचम लहराना।

              विश्वविख्यात कवि डॉ. हरिओम पवार जी ने काश्मीर पर ओजस्वी देशभक्ति कविता और 'मैं भारत का संविधान हूँ।' कविता के माध्यम से कहा - "हिंदी राष्ट्र और संस्कृति को एकता के सूत्र में बाँधे हुए है। हमें इसका खूब प्रचार - प्रसार करके विकास करना चाहिए। हिंदी को सुप्रीम कोर्ट की भाषा बननी चाहिए। हिंदी को राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा बननी चाहिए।"

              पवार जी ने अपने उद्बोधन में प्राचार्या महोदया की बात को दोहराते हुए कहा - "हंसराज छात्रसंघ चुनावों में छात्रों ने पर्चे का प्रयोग करे बगैर शांति से चुनाव सम्पन्न किए और कॉलेज को स्वच्छ बनाए रखकर दिल्ली विश्वविद्यालय और देश में अनोखा उदाहरण पेश किया। हंसराज जैसे चुनाव पूरे देश में होने चाहिए। यहाँ वे पढ़ते हैं जो देश को स्वच्छ रखने में सरकार के साथ हैं। ये सच्चे नेता हैं।"

               माननीय कुलपति योगेश त्यागी जी ने कहा - "दिल्ली विश्वविद्यालय से सभी कोर्सों के विद्यार्थियों को एक विषय की पुस्तक हिंदी में अवश्य पढ़नी चाहिए। विश्वविद्यालय को पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद करना चाहिए। हिंदी के बगैर विश्वविद्यालय दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय नहीँ बन सकता इसलिए सभी कोर्सों की शिक्षा हिंदी माध्यम में भी होनी चाहिए।"

                माननीय राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली जी ने कई उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा - "अपने घर में हमेशा अपनी मातृभाषा हिंदी में बात करनी चाहिए। जब तक हम अंग्रेजी के गुलाम बने रहेंगे तब तक हम विश्व गुरु नहीं बन पाएंगे। गांधीजी के पूर्ण स्वराज्य का सपना जो अधूरा है, उसे पूरा करने का समय आ गया है। युवा भारत जागरूक हो गया है। जैसा हमने अंग्रेजों से छुटकारा पा लिया है वैसे ही शीघ्र अंगेजी से छुटकारा पा लेंगे और 'अपनी मातृभाषा हिंदी में काम करेंगे, देश दुनिया का कल्याण करेंगे।' 

               समारोह में हिंदीप्रेमियों, छात्र - छात्राओं और प्राध्यापक - प्राध्यापिकाओं की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन हंसराज कॉलेज पुरातन छात्र संघ के अध्यक्ष महेंद्र गोयल जी ने किया।


- कुशराज झाँसी

_14/9/2018 _ 6:35 शाम _ दिल्ली


Sunday 14 October 2018

हंसराज कॉलेज की प्राचार्या महोदया डॉ. रमा मैम का अभिनन्दन



                         तारीख, 11 अक्तूबर 2018 को हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय की "यशस्वी कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. रमा मैम" की स्थायी प्राचार्या के पद पर हुई नियुक्ति के उपलक्ष्य में 'अभिनन्दन समारोह सह परिचर्चा - उत्कृष्ट संस्थान एवं हंसराज कॉलेज : अवसर और चुनौतियाँ' कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज सभागार में किया गया, जिसमें देश - दुनिया के गणमान्य नागरिक; पद्मश्री रामबहादुर राय जी (अध्यक्ष - इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली), डॉ. शैलजा सक्सेना जी (सुप्रसिद्ध प्रवासी साहित्यकार, कनाडा), श्री बाल स्वरूप राही जी (सुप्रसिद्ध कवि), प्रो. कुमुद शर्मा जी ( हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय), डॉ. श्री राम अरोड़ा जी (पूर्व प्राचार्य, हंसराज कॉलेज), श्रीमती पुष्पा राही जी (वरिष्ठ लेखिका), डॉ. प्रभात कुमार जी (पूर्व प्राध्यापक, हिंदी विभाग, हंसराज), श्री नानकचंद जी (पूर्व छात्र, हंसराज कॉलेज), श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल जी (आर्थिक विशेषज्ञ एवं पूर्व छात्र, हंसराज), श्री महें गोयल जी (अध्यक्ष - हंसराज कॉलेज पूर्व छात्र संघ) आदि ने गौरवशाली उपस्थिति दर्ज करायी। कार्यक्रम में हिंदी विभाग के प्राध्यापकों और छात्र - छात्राओं के साथ - साथ कॉलेज के प्राध्यापक - प्राध्यापिकाओं, छात्र - छात्राओं और अन्य कॉलेजों के छात्र - छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रही।

                      कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तदुपरांत सरस्वती वंदना का गान हुआ। फिर अतिथियों का सम्मान किया गया। प्राचार्या महोदया की बचपन से लेकर आजतक की उपलब्धियों का बखान और स्क्रीन पर उपलब्धियों की तस्वीरों का प्रदर्शन किया गया, जिसे देखकर समस्त अतिथि आश्चर्यचकित हो उठे। सभी ने बहुमुखी प्रतिभा की धनी, साहित्य, शिक्षा, पत्रकारिता, सिनेमा, मीडिया, अनुवाद और प्रशासन के क्षेत्र में अद्वितीय स्थान रखने वाली डॉ. रमा मैम की उपलब्धियों पर गौरान्वित होते हुए उनकी सराहना की और सरस्वती की प्रतिमा, सॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।

                 समस्त अतिथियों ने 'हंसराज कॉलेज देश और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज कैसे बनेगा और किस प्रकार बन रहा है?' नामक विषय पर गहन चर्चा की और डॉ. रमा मैम के इस महान सपने कि 'हंसराज को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज बनाना है', को साकार करने के लिए हमेशा हर प्रकार से साथ देने का वचन दिया।
                डॉ. रमा मैम ने अपने वक्तव्य में कहा - "मेरे गुरु और साथी ही सच्चे मार्गदर्शक हैं। ये विद्यार्थी मेरी धरोहर हैं। हसराज कॉलेज हर मायने में नंबर वन बनेगा। मनवाया मूल्यों को पुनर्स्थापित करेगा, भारतीय संस्कृति और देश की रक्षा करके चहुँमुखी विकास करेगा। ये हमारे सामने जो देश का युवा बैठा हुआ है। वह भारत देश को पुनः विश्वगुरु की पदवी पर आसीन करेगा। प्रगति की ओर हमारे कदम बढ़ रहे हैं और ये युवा - छात्र गर्व से कहेंगे, हम दुनिया के सर्वश्रष्ठ कॉलेज हंसराज कॉलेज के छात्र हैं। हंसराज कॉलेज को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज हम सबको मिलकर बनाना है, जिसके लिए हमसब संकल्पित हैं।"
                         कार्यक्रम के अंत में विगत दिनों 20 सितम्बर 2018 को हिंदी विभाग हंसराज कॉलेज एवं अक्षर प्रकाशन दिल्ली के संयुक्त तत्त्वावधान में कॉलेज में आयोजित 'अंतः कक्षा वस्तुनिष्ठ सामान्य हिंदी प्रतियोगिता' के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जिसमें मुझे पद्मश्री राम बहादुर राय जी, बालस्वरूप राही जी, डॉ. शैलजा सक्सेना जी और डॉ. रमा जी से द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ।

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                        ✍ गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'
(संस्थापक - अध्यक्ष ~: महात्मा हंसराज पैनल हंसराज कॉलेज)










Tuesday 9 October 2018

हकीकत

कविता - " हकीकत "


हम उसे समझ गए, वो मुझे समझ न पायी।
मोह-माया जाल में फँसे थे हम, अंदर से आवाज आयी।।
      बेटा! इस जग में सब नश्वर है, अमर है केवल नाम;
      पूरे मन से तूँ काम कर, जग जानेगा तेरा नाम।
      इक दिन, वो भी सोचेगी लेकर तेरा नाम;
      क्या नेक वंदा था, जिसे मैंने ठुकराया।
उसने मुझे सही ठुकराया, मेरा ऐसा सुवक्त बनाया।
मैं धन्यवाद् देता हूँ उसे, जिसने मुझे इस काबिल बनाया।।

- कुशराज झाँसी

_7/10/2018_ 9:58रात _ दिल्ली





यज्ञ


आज 09 अक्टूबर 2018 को 'डॉ. रमा जी' की हंसराज की "स्थायी प्राचार्या के रूप हुई नियुक्ति के उपलक्ष्य में" हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय की वैदिक यज्ञशाला में अग्निहोत्री यज्ञ संपन्न हुआ, जिसमें प्राचार्या महोदया, समस्त गुरूजनों और छात्र - छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रही।

 - कुशराज झाँसी

_ 9/10/2018_ 1:45दिन _ हंसराजकॉलेज दिल्ली

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Tuesday 2 October 2018

गाँधी जयंती की अनंत शुभकामनाएँ

समस्त छात्र - छात्राओं और देशवासियों को " गाँधी जयंती " की अनंत शुभकामनाएँ!

।।करो या मरो।।।      ।।भारत माता की जय।।         ।।हे राम।।

                  इस वर्ष हम 150वीं गाँधी जयंती मनाकर विश्व को सत्य, अहिंसा और स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहे हैं और गाँधी के सपनों का भारत बनाने में कामयाबी पा रहे हैं।
                   राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, हमारे भारत देश एवं राष्ट्रीय स्वधीनता आंदोलन के एक प्रमुख राजनेता, वकील और आध्यात्मिक नेता हैं। इनका वास्तविक नाम 'मोहनदास करमचंद गाँधी' है। इनका जन्म 02 अक्टूबर 1864 ई० को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। इनके जन्मदिवस को प्रतिवर्ष हमारे देश में 'गाँधी जयंती' और सम्पूर्ण विश्व में 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाया जाता है। गाँधी सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार को समाप्त करने में अग्रणी नेता थे। इनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धांत पर रखी गयी थी, जिसने देश को स्वतंत्र कराकर सारे जहाँ में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता प्राप्ति आंदोलन के लिए प्रेरित किया।
                    आज गाँधी जी को दुनिया में आम जनता 'महात्मा गाँधी' के नाम से जानती है। संस्कृत में महात्मा अर्थात महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गाँधी को 'महात्मा' के नाम से सर्वप्रथम सन 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने पुकारा था। इन्हें 'बापू' यानि पिता के नाम से भी याद किया जाता है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सर्वप्रथम 06 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गाँधी के नाम से जारी प्रसारण में इन्हें 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित करते हुए आजाद हिंद फौज के सैनिकों के लिए इनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगी थीं। 

"खुद में वो बदलाव लाइए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं -: महात्मा गाँधी"
                           ~:
गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'
(संस्थापक - अध्यक्ष ~ महात्मा हंसराज पैनल हंसराज कॉलेज)
#कुशराज_1/10/18_10:18अपरान्ह



                     

हिंदी बिभाग, बुंदेलखंड कालिज, झाँसी खों अथाई की बातें तिमाई बुंदेली पत्तिका भेंट.....

  हिंदी बिभाग, बुंदेलखंड कालिज, झाँसी में मुखिया आचार्य संजै सक्सेना जू, आचार्य नबेन्द कुमार सिंघ जू, डा० स्याममोहन पटेल जू उर अनिरुद्ध गोयल...