Thursday 15 November 2018

तू एक किताब है

कविता -  " तू एक किताब है "



प्रिन्सेस! तू एक किताब है
तुझे कई बार पढता हूँ
फिर भी तुझसे मन नहीँ भरता
तुझे बार - बार पढ़ने का जी करता है
तू हर बार कुछ नया सिखा जाती है
तू हमेशा साथ देगी
ऐसा भी अनुभव करा जाती है
तुझे पढ़कर दिल को सुकून मिलता है
तेरे - मेरे प्यार को नया मुकाम मिलता है
तुझे पाकर मैं धन्य हो गया
तेरा मुझ पर जादू छा गया।

- कुशराज झाँसी

_17 मई 2018_11:00 रात _ दिल्ली





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