जय हिंदी

भाई अमन खरे! ये आप जैसों की सोच है कि हिंदी में सारा काम करना आसान नहीँ है और अंग्रेजी के बिना कोई काम नहीँ होता। असलियत में अब हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी के बिना कोई काम नहीँ हो रहा है। हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन गयी है। सारी दुनिया हिंदी को अपनाने के साथ - साथ हमारी भारतीय संस्कृति को अपना रही है। हम हिंदुस्तानी ही अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा हिंदी को महत्त्व न देकर अंग्रेजी के मानसिक गुलाम बने हुए हैं। अत्याचारी अंग्रेजों ने सन 1947 में हमें राजनीतिक तौर पर तो आजाद कर दिया। लेकिन अभी तक हम अंग्रेजी के मानसिक गुलाम बने हुए हैं।

               "प्यारे हिन्दुस्तानियों! आज आप सब मेरे साथ शपथ लें कि आज के बाद हम अपना सारा कामकाज राष्ट्रभाषा हिंदी में करेंगे। अंग्रेजी क मानसिक गुलाम नहीँ रहेंगे। हिंदी का प्रचार - प्रचार करेंगें और अपने देश भारत को पुनः विश्वगुरु की पदवी पर आशीन करेंगे।   ।।जय हिंदी - जय हिन्दुस्तान।।

आपका अपना -: कुशराज 
(महासचिव - हिंदी साहित्य परिषद् हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय)"
#कुशराज_ 20/12/18_11:46am

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