परिवर्तनकारी कुशराज की कॉलेज डायरी - 11 अप्रैल 2019
डायरी : " परिवर्तनकारी कुशराज झाँसी की कॉलेज डायरी - 11 अप्रैल 2019 "
सत्यमेव जयते यानि सत्य की विजयी होती है। सच कहता हूँ, सच कह रहा हूँ और सच कहूँगा, वो भी सबूतों के साथ। जो देखता हूँ, उसकी आलोचना करता हूँ। अच्छे कामों की प्रसंशा और गलत कामों की निंदा करने के साथ - साथ उनमें सुधार लाने की जायज बात करता हूँ। जो एक विचारक का परमधर्म है। एक लेखक होने के नाते कहता हूँ -
"कलम चलायी है तो हर मुद्दे पर चलेगी
वो भी निष्पक्ष भाव चलेगी
चाहे कुछ भी हो
कलम नहीँ रुकेगी
मरते दम तक भी नहीँ रुकेगी"
आज मुझे हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ते - पढ़ते और सामाजिक - राजनैतिक कार्यों में सक्रिय रहते हुए पौने दो साल हो गए हैं। जब से कॉलेज में आया हूँ तब से कॉलेज की हर एक्टिविटी को बारीकी से देखा है। अकादमिक के साथ - साथ कॉलेज की ई.सी.ए., सोसायटीज, सेमिनारों, प्रतियोगिताओं और छात्र-राजनीति में सक्रिय रहा हूँ। हर जगह पूरी लगन और निष्ठा से काम किया है। जिसका प्रमाण प्रमाण-पत्रों के अलावा अनुभव, समझ और कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के साथी छात्र-छात्राएँ हैं।
हंसराज कॉलेज में छात्र -छात्राएँ तानाशाही कॉलेज प्रशासन और प्रोफेसरों की मर्जी बिना अपने अनुसार कोई भी काम नहीं कर सकते। चाहे वह हंसराज कॉलेज छात्र-संघ (HRCSU) के निर्वाचित पदाधिकारी ही क्यों न हों? कॉलेज में छात्र - संघ को नाममात्र शक्ति प्राप्त है। कॉलेज के विकास में जितना योगदान एकैडमिक का होता है, उससे कहीं ज्यादा ईसीए और सोसायटीज का होता है। ईसीए और सोसायटीज के स्टूडेन्ट्स कॉलेज के अनेकों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगितायों का पुरस्कार जीतते हैं और कॉलेज का नाम रोशन करते हैं। इनमें से कई अभिनेता बनते हैं, कई सामाजिक कार्यकर्त्ता और कई कुशल प्रशासक। ईसीए के अलावा स्पोर्ट्स का योगदान भी कॉलेज की रैंकिंग बढ़ाने में अहम होता है। स्पोर्ट्स स्टूडेंट्स राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर कॉलेज का नाम ऊँचा करते हैं। एकैडमिक, ईसीए और स्पोर्ट्स के साथ - साथ छात्र - राजनीति का भी अहम योगदान है। आज के छात्रनेता ही देश की भविष्य हैं और यही लोकतंत्र के कर्णधार हैं। छात्रनेता ही देश और दुनिया के महान नेता बनेंगे और मानव कल्याण करने में अपना सारा जीवन निर्वाह करेंगे।
जब से मैं कॉलेज में आया हूँ तब से कॉलेजहित और छात्रहितों में मनन - चिन्तन और क्रियान्वयन कर रहा हूँ। इसी के चलते कुछ दिनों से कॉलेज की गतिविधियों और प्रशासन के रवैए को देखकर छात्रहितों में आवाज बुंलद करने का साहस करना पड़ा। आंदोलन करके सकारात्मक परिवर्तन लाकर कॉलेज के चहुँमुखी विकास में योगदान देने हेतु आगे आना पड़ा और 21अप्रैल 2019 को पूर्वान्ह 12:30बजे 'छात्र - अधिकार आन्दोलन (अनिश्चितकालीन भूँख हड़ताल)' शीर्षक सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने को विवश होना पड़ा। साथ ही साथ तानाशाही कॉलेज प्रशासन कई बार की भाँति पत्र लिखना पड़ा। कॉलेज प्रशासन ने हर बार भाँति मेरे इस पत्र पर भी कोई लिखित प्रतिक्रिया नहीं दी। जिससे मुझे लगा कि मेरी आवाज को दबाया जा रहा है। मेरी ही नहीं आम-छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है। कब तब आवाज दबाएँगे जब तक मेरे ही जैसी आवाजें चहुँओर नहीं गूंजती। वो दिन दूर नहीं जब चहुँओर यही आवाजें गूँजेगी -
नियमों में सुधार करो।
हमारी जायज माँगे पूरी करो।।
छात्रहितों में काम करो।
कॉलेज का चहुँमुखी विकास करो।।
।।छात्र शक्ति - राष्ट्र शक्ति।।
जैसा कि ज्ञात है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। लेकिन मैं कहता हूँ - क्रान्ति, परिवर्तन और विकास प्रकृति के शाश्वत नियम हैं। इसी परिवर्तन को लेकर सोशल मीडिया पर निम्नलिखित पोस्ट लिखनी पड़ी -:
हंसराज कॉलेज में कॉलेज प्रशासन की निरंकुशता और छात्र - संघ की निष्क्रियता के चलते छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है। छात्र को लैपटॉप नहीं मिल रहे हैं। कॉलेज में राष्ट्रभाषा हिंदी में समस्त कार्य नहीं किए जा रहें। ECA, सोसायटीज, डिपार्टमेंटों और स्पोर्टस स्टूडेंट्स को सुविधाएँ और न के बराबर ही पुरस्कार दिए जा रहे हैं। यहाँ तक की कुछेक सोसायटीज को छोड़कर अनेकों सोसायटियों को ऐन्नुअल रिपोर्ट में जगह नहीं दी जा रही है और वार्षिक पत्रिका - हंस 2019 में भी हिन्दी छात्र-संपादकों की उपेक्षा की गयी है। इनके अलावा स्पोर्ट्स ग्राउंड भी आम छात्रों के लिए बंद किया जाने लगा है। किसी भी कार्यक्रम की सूचना कुछ समय पहले ही मिल रही है। प्रकाशन समिति का रवैया ठीक नहीं चल रहा है। रिचर्स के नाम पर लाखों रुपयों का अता - पता नहीं चल रहा है। इसलिए सक्रिय छात्रों को आज ये कदम उठाने पड़ रहे हैं और छात्र -अधिकार आंदोलन करने को विवश होना पड़ रहा है। आप सभी साथियों से अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में 21अप्रैल 2019 को आंदोलन में आएँ और आंदोलन को सफल बनाकर अपने अधिकारों को पाएँ। हमेशा छात्र हितों में आगे खड़े रहें।
*महात्मा हंसराज पैनल, हंसराज कॉलेज*
छात्रहितों में कर रहा है
*छात्र-अधिकार आन्दोलन*
(अनिश्चितकालीन भूँख हड़ताल)
*दिनांक - 21 अप्रैल 2019*
*समय - सुबह 9:30 बजे से*
*स्थान - प्रिंसिपल ऑफिस के सामने, हंसराज कॉलेज*
*हमारी माँगे -:*
1. हर कोर्स के छात्रों को लैपटॉप घर के लिए मुहैया कराए जाएँ।
2. ECA & SPORTS STUDENTS को ATTENDANCE दी जाए।
3. कॉलेज का हर कार्य अंग्रेजी के साथ - साथ राष्ट्रभाषा हिन्दी में भी किया जाए।
4. कॉलेज में गर्ल्स हॉस्टल की व्यवस्था जल्द से जल्द हो।
5. कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और उनके बर्ताव पर अंकुश लगाया जाए ।
6. स्पोर्ट्स ग्राउंड को आमछात्रों के लिए पूरे दिन के लिए खोला जाए।
7. स्टूडेंट ऑफ द ईयर अवॉर्ड शुरू किया जाए।
8. छात्र-संघ की जगह छात्र-संसद प्रणाली लागू की जाए।
9. कॉलेज की समस्त छात्रहितों की गतिविधियों को पारदर्शी रखा जाए।
10. वार्षिक पत्रिका - हंस में संपादक मण्डल द्वारा पक्षपात न किया जाए और न ही हिन्दी छात्र-संपादकों की उपेक्षा की जाए।
11. प्राचार्या महोदया से आमछात्रों मिलने के लिए मध्यस्थता का सामना न करना पड़े।
आंदोलनकारी -:
गिरजाशंकर कुशवाहा 'परिवर्तनकारी कुशराज'
(संस्थापक एवं अध्यक्ष - महात्मा हंसराज पैनल, हंसराज कॉलेज)
एवं *छात्र - छात्राएँ हंसराज कॉलेज*
मुझे सोशल मीडिया पर साथियों का खूब समर्थन मिला क्योंकि सत्य के सामने दुनिया झुक जाती है।
कॉलेज में छात्र - संघ को नाममात्र शक्ति प्राप्त है। छात्र - संघ चुनाव के दो महीने पहले और एक महिना तक छात्रनेता सक्रिय रहते हैं और इसके बाद कॉलेज में छात्र - नेताओं को तानाशाही प्रशासन द्वारा दबाव बनाकर निष्क्रिय कर दिया जाता है। कॉलेज में सिर्फ और सिर्फ अकादमिक को बढ़ावा दिया जा रहा है। सक्रिय छात्र - राजनीति को कॉलेज परिसर में ख़त्म करने की पूरी कोशिश की जा रही है। जिसके साक्षी कॉलेज के समस्त छात्र - छात्राओं के साथ - साथ विश्वद्यालय, देश और दुनिया है। कॉलेज में छात्र - संघ को अपना पूरा फण्ड नहीं मिलता है जिसके लिए प्रोटेस्ट भी करने पड़ते हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन छात्र - संघ का पूरा फण्ड नहीं देता हैं और छात्र -संघ द्वारा छात्रहितों में उठाई गयीं माँगों को भी बड़ी मुश्किल से पूरा करता है। तानाशाही प्रशासन छात्र - संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का सफल आयोजन नहीं होने नहीं देता है सिर्फ और सिर्फ वर्षभर अपने कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। यहाँ तक कि सत्र 2018 -19 छात्र - संघ के समस्त पदाधिकारियों को ऐन्नुअल रिपोर्ट में स्थान नहीं दिया गया है और न ही ऐन्नुअल डे पर सम्मानित किया गया है। यहाँ छात्र - संघ के पदाधिकारी सिर्फ और सिर्फ अपने पद का सर्टिफिकेट लेकर ही रह हैं। सक्रिय छात्र -राजनीति नहीं कर पाते हैं और न ही राजनीति सीख पाते हैं। प्रशासन के इस रवैये से सारे छात्र - नेता और समस्त छात्र - छात्राएँ नाराज हैं और प्रशासन द्वारा छात्रों पर किए जा रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने को तैयार हैं। छात्र - छात्राएँ क्रांति करके सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए हर वक्त तैयार हैं लेकिन तानाशाही प्रशासन किसी भी हाल में छात्र - शक्ति के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं और न ही अपनी नातियों, नियमों को बदलाव करने को तैयार है। यहाँ तक कि प्रशासन कॉलेज के विकास के लिए छात्रों द्वारा दिए गए सुझावों को भी मानने को तैयार नहीं हैं। वो इस भ्रम में है कि हम जो कर रहे हैं वही शत् प्रतिशत सही है और जो छात्र कह रहे हैं वो सब ठीक ही है। प्रशासन को 'छात्र शक्ति - राष्ट्र शक्ति' के सिद्धांत को अवश्य मानना होगा। तभी कॉलेज प्राचार्या डॉ. रमा मैम का संकल्प 'हंसराज कॉलेज को दुनिया का नम्बर वन कॉलेज बनाना है।' सिद्धि तक पहुँच सकेगा।यदि प्रशासन ने तानाशाही करना बन्द नहीं किया और न ही छात्रों को अधिकार और शक्ति दी तो इसका इल्ज़ाम बड़ा भयंकर होगा। एक तो कॉलेज की रैंकिंग नीचे गिर जाएगी और देश के भविष्य - छात्रनेता भी राजनीति के सारे गुण नहीं सीख पाएँगे, जो लोकतंत्र के लिए खतरा साबित हो सकता है। इसलिए देश और दुनिया के शिक्षण संस्थाओं में छात्र - राजनीति अतिआवश्यक है। प्रशासक नहीं देश के सर्वांगीण विकास में शासकों का योगदान सर्वोपरि होता है। लोकतंत्र में प्रशासक तो तानाशाही कर सकता है लेकिन शासक कदापि नहीं कर सकता है क्योंकि शासक (नेता) को हर पाँच साल में जनता के सामने फिर सत्ता पाने के लिए वोट माँगने आना होता और हरवक्त जनता की सेवा करने को तैयार रहता पड़ता है। शासक (नेता) जैसी पाबंदी प्रशासक के लिए नहीं है और न ही शासक जैसे नियम - कानून।
कॉलेज प्रशासन यदि शांतिपूर्वक छात्रों की बात मानने को तैयार नहीं होता है और न ही छात्रहितों को कोई काम करना चाहता है। कॉलेज में निरतंर स्कूल जैसे नियम लागू करता जाता है। युवा छात्रों द्वारा सिर्फ और सिर्फ यही नारे गूँजेगे - :
छात्र हितों का हनन हुआ तो,
खून बहेगा सड़को पे।
छात्र शक्ति - राष्ट्र शक्ति
हम अपना अधिकार माँगते।
नहीं किसी से भीख माँगते।।
पूरी करो - पूरी करो।
हमारी माँगे पूरी करो।।
युवा शक्ति - विश्व शक्ति #कुशराज
लेकर रहेंगे - लेकर रहेंगे।
पूरे अधिकार लेकर रहेंगे।।
कॉलेज को स्कूल नहीं।
कॉलेज बनाओ - कॉलेज बनाओ।।
नहीं चलेगी - नहीं चलेगी।
तानाशाही नहीं चलेगी।।
क्रांति तन, क्रांति मन, क्रांति ही मेरा जीवन।।
✍🏻 कुशराज झाँसी
_11/4/2019_4:30 शाम _ दिल्ली



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