राजनीतिनामा - कुशराज

उपन्यास - " राजनीतिनामा "

        
                     लेखक कुशराज झाँसी



                            १.

आज महर्षि दयानंद कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र - राजनीति में गर्माहट चरम पर है। कॉलेज में चहुँओर एक ही विषय पर चर्चा चल रही है और वो है परिवर्तनकारी सत्येन्द्र द्वारा स्थापित यूथ पैनल का घोषणापत्र। घोषणापत्र रात 12:30 बजे सोशल मीडिया यानि फेसबुक, इंस्टा, व्हाट्सएप, ट्विटर और ब्लॉग पर पब्लिश हुआ, तभी से हलचल शुरू हो गई। कॉलेज की दोनों पुरानी राजनीतिक पार्टियों यानि इक्वल पैनल और यूनाइट पैनल के छात्र नेता और समर्थक परिवर्तनकारी सत्येन्द्र की सम्पूर्ण जानकारी अर्जित करने लगे। सत्येन्द्र ने घोषणापत्र पब्लिश करके छात्र नेताओं समेत कॉलेज प्राचार्या प्रो. रेखा त्रिवेदी की भी नींद उड़ा दी। साथ ही साथ कॉलेज प्रशासन और छात्र - छात्राओं को अपने घोषणापत्र पर विचार - विमर्श करने को विवश कर दिया। घोषणापत्र में आम छात्र - छात्राओं की आवाज बुलन्द हुई है। जिसका प्रारूप इस प्रकार है -:

क्रान्ति                       परिवर्तन                विकास
यूथ पैनल, महर्षि दयानंद कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय का घोषणापत्र
(Manifesto of Youth Panel, Maharshi Dayanand College, Delhi University)

Welcome Fresher's
Join Youth Panel

भारतीय संविधान के भाग - 3 और अनुच्छेद (19 - 22) द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रता के अधिकार के तहत हम युवा छात्र छात्रायें अपनी आवाज बुलन्द कर रहे हैं...
1.कॉलेज छात्र संघ चुनावों में प्रसिडेंशियल डिबेट कराई जाए।
2.कॉलेज का हर कार्य अंग्रेजी के साथ साथ राष्ट्रभाषा हिन्दी में भी किया जाए।
3.हर साल कॉलेज की फीस कम की जाए।
4.हर जगह प्राचार्या महोदया के साथ महर्षि दयानंद कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष (MDC'SU President) के भी हस्ताक्षर लिए जाएँ।
5. स्टूडेंट ऑफ द ईयर अवॉर्ड छात्र संघ द्वारा प्रदान करेंगे।
6.कैण्टीन में फूड क़्वालिटी बढ़ायी जाए और ₹40 प्रति थाली शुरू की जाए।
7.गर्ल्स कॉमन रूम (GCR) की भाँति बॉयज कॉमन रूम (BCR) की व्यवस्था की जाए।
8. ECA & Sports Students को कार्यदिवस की Attendance दी जाए।
9. गर्ल्स हॉस्टल की व्यवस्था जल्द से जल्द हो।
10. लाइब्रेरी में किताबों की संख्या बढ़ायी जाए और किताबें 15 दिन के लिए इसू की जाएँ।
11.छात्र छात्राओं के साथ आन्तरिक मूल्यांकन में और अन्य किसी भी प्रकार से, प्रशासन द्वारा भेदभाव नहीं किया जाए।
12.कॉलेज में पोलिटिकल साइंस और सिनेमा डिपार्टमेंट की व्यवस्था हो
13.कॉलेज की समस्त छात्र हितों की गतिविधियों को पारदर्शी रखा जाए।

क्रान्ति मन, क्रान्ति तन, क्रान्ति ही मेरा जीवन.. 
युवा शक्ति - विश्व शक्ति
YOUTH POWER - WORLD POWER

आपका साथी :
रघुवीर सिंह कुशवंशी 'परिवर्तनकारी सत्येन्द्र'
21 जुलाई 2019

सुबह साढ़े आठ बजे यानि क्लासेज टाइम सत्येन्द्र ने कॉलेज पहुँचकर अपने घोषणापत्र के पर्चे सारे नोटिस बोर्डों पर लगा दिए और साथ ही साथ 300 पर्चे स्टूडेंट्स में बाँट भी दिए। ये कॉलेज के सत्र 2019 - 20 का दूसरा ही दिन था और फ्रेशर्स का भी पहला या दूसरा दिन। छात्र - छात्राओं को घोषणापत्र में अपने हित की माँगों को देखकर अपार खुशी हुई और सबको छात्र राजनीति से मोह होने लगा। सत्येन्द्र ने ये क्रान्तिकारी - परिवर्तनकारी कदम पूरे जोश और होश में अकेले ही उठाया था। ऐसा कदम कॉलेज के इतिहास में कभी नहीं उठाया गया। जैसे ही प्रशासन के पास घोषणापत्र पहुँचा तो वो सत्येन्द्र से विचार - विमर्श करने को लालायित होने लगा। सवा दस बजे जब सत्येन्द्र स्पोर्ट्स ग्राउण्ड में अपने जूनियर्स के साथ बैठा हुआ था, तभी  इक्वल पैनल से निवर्तमान सेन्ट्रल कॉउन्सलर (CC) उत्कर्ष सिंह अपने लोकल यानि हीरापुर गाँव के दस - पन्द्रह लोगों के साथ मिला और सत्येन्द्र को एक साइड में बुलाकार कहा - और कन्धे पर हाथ रखकर बोला, अरे भाई! हम सब भाई - भाई हैं। आप भाईयों से अलग क्यों हो रहे हो। हम साथ में ही चुनाव लड़ते हैं। कॉलेज में सिर्फ एक ही पैनल चलना चाहिए और वो है इक्वल...

इतना सुनकर सत्येन्द्र ने कहा - ठीक है भाई। शाम तक सोच समझकर बताता हूँ कि हम साथ में चुनाव लड़ेंगे या फिर अलग होकर। थोड़ा वक्त दीजिए...

इसी प्रकार सवा घण्टे तक दोनों पक्षों में बातचीत होती रही और फिर पौने दो बजे यूनाइट पैनल का कर्त्ता - धरता यानि बाबा ने सत्येन्द्र को कैण्टीन बुलाया और कहा - भाई! आपका घोषणापत्र ही हमारा घोषणापत्र है। भाई - भाई अलग नहीं होते। भाई आप बताओ आपको कौनसी पोस्ट चाहिए और साथ में क्या - क्या चाहिए??? सब कुछ देता हूँ लेकिन आप हमारे साथ हो जाओ...
सत्येन्द्र ने दो टूक उत्तर दिया - हम आपके साथ कभी नहीं होंगे। हम आपसे हमेशा अलग रहेंगे...समझो भैया मेरी बात को...
और फिर साढ़े तीन बजे स्टूडेंट्स यूनियन के कॉ-एडवाइजर
डॉ. वीरेंदर सर ने बुलाया और कहा कि आपका घोषणापत्र जायज है। काम करने लायक हैं ये मुद्दे। प्रिंसिपल मैम भी कह रही हैं कि अब पढ़ा - लिखा और राजनीति की गंभीर समझ रखने वाला कोई छात्रनेता इस बार छात्र संघ चुनाव की तैयारी कर रहा है, जो हम सबके लिए बहुत अच्छी बात है... इतने में एडवाइजर सर डॉ. इंद्रभूषण जी आ गए। उन्होंने भी सत्येन्द्र से यही कहा - आओ बेटा चुनाव में...हम आपके साथ हैं लेकिन अच्छी छात्र राजनीति करना...जैसा आप दो साल से छात्रहितों में  काम कर रहे हो वैसे ही छात्र संघ में आकर भी काम करते रहना...अच्छे से और पूरी लगन से करो राजनीति...हमारी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं...

शाम पाँच बजे कॉलेज की छुट्टी हुई और फिर सत्येन्द्र मल्कागंज पर बुंदेलखंड जूस कॉर्नर पर जूस पीकर इक्वल पैनल वालों से मीटिंग करने यूनिवर्सिटी प्लाजा पहुँच गया। मीटिंग में इक्वल के बाबा के साथ चार लोग और आए थे। सत्येन्द्र सिर्फ अकेला गया था उनके पास। मीटिंग में रघ्घू भैया ने कहा - सत्येन्द्र भाई आपको हमारे पैनल से जिस पोस्ट पर इलेक्शन लड़ना है, उस पर लड़ो लेकिन हमारे साथ आ जाओ। सत्येन्द्र ने जवाब दिया - भैया आप ही बताइये। तब उन्होंने कहा, भाई आप जनरल सेक्रेटरी पर लड़ लो। सायनिंग पोस्ट भी है। सत्येन्द्र ने कहा, ठीक है भैया। मैं कल अपने और दोस्तों से डिस्कस करके जरूर बताता हूँ...अभी मैं फ्लैट जा रहा हूँ। मेरा दोस्त आ रहा है झाँसी से...उसे नई दिल्ली स्टेशन से लेने भी जाना है। अभी चलता हूँ। कल मिलूँगा भाई लोगों... बाय बाय...

✒ कुशराज झाँसी
झाँसी बुन्देलखण्ड

_13/9/2019_9:09 दिन _ दिल्ली

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