* आत्महत्या पर कुशराज झाँसी की टिप्पणी *
" आज की आत्महत्या भी हत्या है। - कुशराज झाँसी "
इस सदी की सबसे बड़ी दु:ख की बात ये है कि इन्सान आत्महत्या करके दुनिया छोड़कर जा रहे हैं, कुछ तो अपने ही घर में फाँसी पर लटककर...
हर किसी को आत्महत्या करने को मजबूर किया जा रहा। किसान महँगाई की मार, फसलों के गिरते दाम और बढ़ते कर्ज के बोझ से आत्महत्या कर रहे हैं और अभिनेता सिनेमा में फैले परिवारवाद के कारण। सदी की ये आत्महत्याएँ भ्रष्ट लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्याएँ हैं। किसी को ऐसे नहीं जाना चाहिए बल्कि भ्रष्ट लोकतांत्रिक व्यवस्था से टकराकर, क्रांति करके और उसमें सुधार करके जाना चाहिए। जिससे आने वाली पीढ़ियाँ आप जैसी न बनें....
हम भी क्या कर सकते हैं आजकल की इस भयानक बीमारी 'डिप्रेशन - मानसिक तनाव' के आगे। खैर, दुनिया के हर मानव - मानवी को डिप्रेशन से बचना चाहिए क्योंकि जिन्दगी है तो सारी दुनिया है और जिन्दगी नहीं तो दुनिया भी नहीं... जिस अभिनेता ने हमें कई शिक्षादाई और प्रेरणादाई फिल्में दी लेकिन वो उसे ही प्रेरणा नहीं दे सकीं...ये कैसा खेल है इस दुनिया का.....।
✒️ कुशराज झाँसी
_3/7/2020_5:55भोर _ जरबौगाँव
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