शक्तियाँ - कुशराज झाँसी
* कुशराज के विचार / कुशराज दर्शन *
" जब दो शक्तियाँ टकरातीं हैं तो कभी - कभार एक शक्ति की जीत और एक की हार होती है। लेकिन ज्यादातर शक्तियों के बीच संधि या समझौता होता है। चाहे वो राजनैतिक शक्ति हो, धार्मिक शक्ति हो, सांस्कृतिक शक्ति हो या फिर सामाजिक शक्ति। आजकल और आने वाले समय में शक्तियों के टकराने पर समझौते से ही हल निकलेगा ये तय है। "
✒️ कुशराज झाँसी (कुशराज दर्शन)
3/4/21_10:06रात_खुशीपुरा झाँसी
Comments
Post a Comment