समाजसुधार पर कुशराज के विचार
" समाजसुधार के लिए अपने घर वालों और अपनों से लड़ना आसान नहीं होता और न ही उनमें सुधार ला पाना जल्दी सम्भव हो पाता। क्योंकि समाजसुधार की शुरुआत घर से नहीं, हमेशा बाहर से ही होती है, ये बात हमेशा ध्यान रखना तुम। समाजसुधार करना है तो समाज से हर मोड़ पर साहस से टकराना होगा, चाहे घरवाले साथ खड़े हों या फिर खिलाफ। "
✒️ गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'
_27/9/2021_12:25 रात _झाँसी
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