राम महोतसओ 2022 ओरछा, बुंदेलखंडी युबा की डायरी - गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी'

बुंदेलखंडी युबा की डायरी - गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी'


तारीक : 16 मई 2022, खुसीपुरा झाँसी


      ***   राम महोतसओ 2022 ओरछा   ***







प्यारी क्रांति,

                  आज सीनियर बकील, चाचा घनस्यामदास कुसबाहा, आतियाँ ताल झाँसी सें बकालत सीखबे कौ पैलो दिनाँ हतौ कायकि हमनें चार मईना बाद फिर सें कचेरी जाबो सुरूं कर दओ। सुक्रउआँर खौं बकील भाईसाब देबेन्द कुसबाहा, बड़ागाँओं झाँसी नें हमाई घनस्यामदास चाचा सें उनईके चैंबर पे जा पक्की बात करा दई ती के आज सें हम उनके जूनीयर हो गए बकालत में। घनस्याम चाचा नामी फौजदारी बकील हैंगे और हमाए बकालत में दूसरे और सबसे सच्चे गुरू हैंगे। हम हर गुरू कौ सन्मान करतई कायकि गुरू के बिन ऐतहासक काम नहीं पूरे हो सकत।


भौर पाँच बजें जग गए ते और फिर सपर - खोर कें नास्ते में पोहा बनाओ। हमने आज अपने जीबन में पैली बैर पोहा बनाओ तो। फिर भी उमदा बनो तो पोहा। पोहा और मेबा बगैरा खाकें बकील की फुल ड्रेस में पौने सात पे कचेरी पौंच गए ते। कायकि अबे कचेरी टैम भौर 7:00 बजे सें दुपरे 1:00 बजे लौक हैगो।


कचेरी की छुट्टि की बैराँ हमाए साहित्यिक - सामाजिक गुरू, लोकप्रिय साहित्यकार डॉ० रामसंकर भारती जू कौ फोन आ गए। गुरूजी ने फोन पे कई के - "कुसराज बेटा अपन राम महोतसओ ओरछा के लानें दो - ढाई बजें निकरें कार सें। हमने कई ठीक है गुरूजी हम तज्जार मिलहैँ पत्थर की टाल खुसीपुरा पे।


कचेरी सें लौटकें दुपाई करी यानी खाना- पीना खाओ। और फिर बुंदेली सांसकिरतिक पौसाक कुर्ता, पैंट, सदरी और तौलिया पैरी। और फिर अपनी दिल्ली यूनीबरसिटी की दोस्त पंडिताईन पिरेरना मिसरा सें जलबायु परिबर्तन के मुद्दे पे चर्चा करी और बेतहासा पड़ रई गरमी 46-49 डिग्री सेल्सियस तापमान सें निजात पाबे के उपाय जैसें -  ए०सी० और फिरेज कौ बिल्कुल कम पिरयोग और जादाँ सें जादाँ पेड़ लगाबो और जंगल बचाबो आदि खों जनता कौ समजाबे के लानें सरकारी और सामाजक कारीकिरम खौं सफल बनाबें के लानें अपने साथी युबा - यूबतियंन से सहयोग करबे की अपील पे सम्मती जताई के अपन परयाबरन खौं बचाबे के लानें जरूर काम करहेँ। अगर हम सब जनन नें परयाबरन और पिरकिती खौं बचाबे पे धियान नईं दओ तो हम सबकौ जीबन नईं बचहै, हम सब जनैं पिरदूसन सें घुट - घुट के मर जेहैं, ना पीबे खौं पानू मिलहै और ना सांस लैबे खौं सुद्द ओक्सीजन। ऐईसें सरकार और हमाई बात मानों और पेड़ लगाओ, जंगल बचाओ, जल बचाओ, फिरेज की जगां मटका और ए०सी० की जगां कूलर कौ पिरयोग करौ औए सुख - चैन की जिंदगी बिताओ।


पिरेरना भी परयाबरन और पिरकिती पिरेमी हैगी बिल्कुल हमाई तरां। दोस्ती भी बिरोबरी बारन में करें चज्जे कायकी बिरोबरी बारन की दोस्ती ही अबे लौक इतहास में अमर रई हैगी और आगें भी रैहै। 


सामाजक कारीकरता पिरदीप कुमार पांडे चाचा की कार सें गुरूजी, हम, स्यामसरन नायक चाचा और एक और दादाजी राम महोतसओ कारीकिरम की जगा रुदरानी बुंदेली कला गाँओं, ओरछा पौंचे।




रुदरानी बुंदेली कला गाँओं में बुंदेलखंडी संसकिरती और रीतिरिबाज पूरी तरां देखबै मिले। हम तो बुंदेलखंडी हैं ऐईसें हम तो रोजीना देखतई अपनौ समाज और संसकिरती लेकिन देस - दुनिया सें बिराजे महमान रुदरानी बुंदेली कला गाँओं कौं देखकें बुंदेलखंडी संसकिरती सें रू-ब-रू हो रए हैं और बुंदेलखंड के हाल और बदहालों कौं समज रए हैगें।







संजा कें ५-६ बजें हम और गुरूजी औरन नें रामराजा मन्दर पौंचकें भगउआन राजा राम कौं सीस नबाओ और आसीरबाद लओ और फिर हम मंदर, महलों से संगे फोटूबाजी करी। यी के बाद हम कार सें साधबी रंजना दीदी के संगे बुंदेलखंड की जीबनरेखा - बेतबा नद्दी गए। दीदी बोलीं - अरे पंडितजी, बता जरा तुम अपने, ओरछा और इस नदी के बारे में। तब हमनें कई - अरे दीदी हम पंडित नईंयाँ जात सें, हम कुसबाहा ठाकुर हैंगे श्रीराम और सीता मज्जा के सपूत लब - कुस में सें कुस के बंसज। और रई बात पंडित की पोसाक बारी तो हम भी पक्के सियाराम - भगत हैगें। पैसे से बकील और लेखक हैं और समाज और धरम के हर काज में सामिल होबे बारे युबा हैगें हम, झाँसी में रैऊत हैगें लेकिन हम गाँओं जरबौ हैगो बरूआसागर के नीरें। बरूआसागर में रए हैं हम, उतै भी पिरकिती पूरी बिखरी है झरना और तला के रूप में।






हमनें दीदी खों ओरछा कौ इतहास, बुन्देला राजन की खियाती और राजा के रूप में श्री राम जू की महिमा बताई और फिर बेतबा नद्दी के बारे में जानकारी दई। दीदी बोलीं हम आसरम गंगोतरी हरिदुआर में भी ऐसोई लगतई। भौत आनंद आ रओ यी बुंदेलखंड की गंगा में।




हम भी भौत दिनन बाद बेतबा दरसन खौं गए ते। बेतबा मईया की जैकारा लगाबे के बाद नद्दी में फोटूबाजी करी और पिरकिती कौ मजा लओ, पिरकिती की गोद मे भौत सुकून मिले। अब सोची हमनें के मईना में एकाध बैर पिरकिती की गोद जरूर जाओ जाए।





संजा कें छै - साढ़े बजें रामराजा मंदर सें राम महोतसओ के उदघाटन की सोभायातरा निकरी। संत - महात्मा और अतिथि अभिनेता - अभिनेतन औरें रथों सें और भक्तगन निगत - निगत गाजे - बाजे के संगे बड़ी धूमधाम सें कारीकिरम की जगा पौंचे। हबन - पूजन के बाद कारीकिरम सुरूं भओ।







कारीकिरम के आयोजक राजा बुंदेला जू नें महमानों कौ नमन करके राम महोतसओ की सुरूआत और रुदरानी बुंदेली कला गाँओं के उद्देस्य की कहानी सुनाई और फिर बुंदेलखंड के ऐतहासक नाच दिबाई नाच / मौनियाँ कौ अनोखो पिरदरसन भओ। यी के बाद अतिथि साधू - साधबी, संत - महात्मा, नेता - अभिनेता, कलाकारन कौ सन्मान भओ। 







आज के यी उदघाटन समारोह में परमपूजनीय महांमंडलेश्वर उमाकांत सरस्वती जू, साधबी रंजना दीदी जू, भारत की पैली किन्नर महांमंडलेश्वर हिमांगी सखी जू, रामभक्त अभिनेता रजा मुराद जू, अभिनेता राजा बुंदेला की धरमपत्नी अभिनेतन सुस्मिता मुखर्जी बुंदेला जू, जालौन के सांसद और केन्दीय मंतरी भानुपिरताप बरमा जू, सागर के सांसद और केन्दीय मंतरी बीरेंद कुमार खटीक जू, ललितपुर के विधायक रामरतन कुसबाहा जू, रामायन केन्द भोपाल के निदेसक डॉ० राजेश सिरीबास्तओ जू, बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति और हिंदी बिभाग बुंदेलखंड दुनियाईग्यानपीठ झाँसी के अध्यक्छ डॉ० पुनीत बिसारिया जू, संसकिरतीकरमी - साहित्यकार डॉ० रामसंकर भारती जू, अभिनेता -  निर्देसक राम बुंदेला जू, अभिनेता आरिफ सहडोली जू, समाज कार्य बिभाग, बुंदेलखंड दुनियाईग्यानपीठ झाँसी के पिरोफेसर डॉ० मुहम्मद नईम जू, समाजसेबी पिरदीप कुमार पांडे जू के संग तमाम रामभक्त मौजूद रए।


।।जै जै सियाराम।। 🚩🚩🚩


©️ कुसराज झाँसी






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