फिल्म गुठली लड्डू बयाँ करती है कि शिक्षा का हक छीनने से मिलेगा जैसा गुठली को मिला - किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'
*** हिन्दी - बुंदेली फिल्म 'गुठली लड्डू' बयाँ करती है कि शिक्षा का हक छीनने से मिलेगा जैसा गुठली को मिला - किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' ***
आज 14 अक्टूबर 2023 को झाँसी में आदरणीय चाचाजी आरिफ शहड़ोली अभिनीत 21वीं सदी की अनोखी फिल्म - गुठली लड्डू देखने का सौभाग्य मिला।
गुठली लड्डू बुंदेलखंड के समकालीन परिदृश्य पर बनी हिन्दी - बुन्देली फिल्म है। जो बयाँ है कि 21वीं सदी महिलाओं, वंचितों, दलितों, पिछड़ों, किसानों और आदिवासियों की है। शिक्षा पर सबका हक है। शिक्षा सबको मिले ये सरकार की जिम्मेदारी है।
गुठली लड्डू फिल्म बुंदेलखंड के भंगी समाज के बच्चे गुठली (धनय सेठ) की शिक्षा का हक पाने के लिए किए गए संघर्षों की कहानी है। कहने को तो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, देश विकास की नईं - नईं इबारतें लिख रहा है और तो और भारत फिर से विश्वगुरु भी बन गया है लेकिन उसी भारत देश में ऐसे तमाम समाज और वर्ग हैं। जिनमें से एक है भंगी / वाल्मीकि समाज। जिसे आज भी संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार नहीं मिल रहे हैं। शिक्षा के हक को पाने के लिए गुठली को तथाकथित ऊँची जातिवाले ब्राह्मणों से डंटकर मुकाबला करना पड़ता है और वो बदलाओकारी तेवरों के कारण अपने संघर्षों में सफल भी होता है।
गुठली में पढ़ने की ललक और अपने हकों को पाने के लिए बदलाओकारी तेवर फिल्म की शुरुआत से ही दिखते हैं। शुरुआत में गुठली स्कूल की खिड़की से झाँक - झाँककर पढ़ना - लिखना सीखता है। एक दिन जब शिक्षिका कक्षा में उपस्थित छात्र - छात्राओं से सवाल पूँछती है कि तारे क्यों टिमटिमाते हैं तो उपस्थित छात्र - छात्राओं में से कोई भी जबाव नहीं दे पाता है लेकिन गुठली खिड़की से है बिल्कुल सही जबाव देता है - वायुमंडल के कारण, तारे टिमटिमाते हैं। सही जबाव देने पर शिक्षिका गुठली की तारीफ भी करतीं हैं।
स्कूल के प्रिंसिपल हरिशंकर वायपेयी (संजय मिश्रा) पहले तो ब्राह्मण होने के नाते हरिजन के लड़के गुठली की शिक्षा के विरोधी होते हैं लेकिन जब गुठली बार - बार उनसे अपने क्रांतिकारी तेवरों से टकराता है तो वो शिक्षक होने के नाते सामाजिक बदलाओ की लहरों को समझते हैं और कलयुग के द्रोणाचार्य बनकर गुठली को शिक्षा का हक दिलाते हैं। जबकि हरिशंकर वाजपेयी के स्कूल मालिक चौबे जी (आरिफ शहड़ोली) अपने भाषणों में तो संविधान में दिए गए अधिकारों की बात करते हैं लेकिन वास्तविकता में गुठली के खिलाफ कई षडयंत्र रचते हैं। अंत में जब दौड़ प्रतियोगिता में गुठली जीत जाता है तो सब कह उठते हैं कि गुठली अब पेड़ बनेगा और सबको फल देगा। गुठली - लड्डू में गुठली को तो पेड़ बनने का हक मिल जाता है लेकिन उसके साथी लड्डू को तो बचपन में ही उसी गंदी नाली, जिसे उसके पिता और उसकी जाति के लोग सदियों से आज तक साफ करते आ रहे हैं में चूकवश गिरकर मर जाना पड़ता है। इस तरह लड्डू अपनी नियतिवश चूर - चूर हो जाता है और गुठली पेड़ बनकर अपने फल से अपनी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करता है और वो समाज का तारा बनकर सारी दुनिया को रोशन करता है।
इस तरह गुठली लड्डू फिल्म बयाँ करती कि शिक्षा का हक छीनने से मिलेगा जैसा गुठली को मिला। जिन बच्चों, युवा - युवतियों को शिक्षा पाने का अवसर मिल रहा है वे पूरी लगन और ईमानदारी शिक्षा पाएँ क्योंकि शिक्षा ही ऐसा हथियार है, जिससे सारी दुनिया जीती जा सकती है।
फिल्म गुठली लड्डू में मुख्य किरदार संजय मिश्रा और आरिफ शहड़ोली ने निभाया है। जहाँ संजय मिश्रा स्कूल प्रिंसिपल हरिशंकर वाजपेयी की भूमिका में हैं तो आरिफ शहड़ोली स्कूल मालिक चौबे जी की। सहयोगी किरदारों में बाल कलाकार धनय सेठ गुठली की, हीत शर्मा लड्डू की, सुब्रत दत्ता गुठली के पिता मँगरू की, कल्याणी मुले गुठली की माँ और अर्चना पटेल लड्डू की माँ की भूमिका में हैं। सभी कलाकारों का अभिनय विशेषकर बुंदेली भाषा के संवादों के कारण सराहनीय है।
देश - दुनिया में सैकड़ों प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली हिन्दी - बुंदेली फिल्म गुठली लड्डू 13 अक्टूबर 2023 से सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। आज हमें भी गुठली लड्डू फिल्म झाँसी की नटराज टाकीज में गुठली लड्डू फिल्म में मुख्य खलनायक चौबे जी की भूमिका अदा करने वाले, झाँसी - बुंदेलखंड की शान, सार्थक अभिनेता आरिफ शहड़ोली; उत्तर प्रदेश सरकार के दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री, बुंदेली भाषा और संस्कृति के ज्ञाता, इतिहासविद माननीय हरगोविंद कुशवाहा; आदर्श शिक्षक, साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी पूजनीय गुरूजी डॉ० रामशंकर भारती और वरिष्ठ अधिवक्ता, साहित्यकार श्री श्यामशरण नायक के साथ देखने का सुअवसर मिला।
#सरकार से निवेदन है कि स्कूलों और कॉलेजों में गुठली - लड्डू फिल्म दिखाने की व्यवस्था की जाए ताकि भारत का हर नागरिक पढ़ सके और आगे बढ़ सके।
साथियों और देशवासियों से आग्रह है कि अपने नजदीकी सिनेमाघर में गुठली लड्डू फिल्म जरूर देखें और सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी जरूर साझा करें।
©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'
(बुंदेलखंडी युवा लेखक, सामाजिक कार्यकर्त्ता)
_ 14/10/2023 _ झाँसी
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