अपने रचनात्मक लेखन की प्रति पाने और लेखकीय अधिकारों के संरक्षण हेतु बुन्देलखंड विश्वविद्यालय झाँसी के कुलपति के नाम छात्र / लेखक गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' का पत्र
*** " अपने रचनात्मक लेखन की प्रति पाने और लेखकीय अधिकारों के संरक्षण हेतु बुन्देलखंड विश्वविद्यालय झाँसी के कुलपति के नाम छात्र / लेखक गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' का पत्र " ***
सेवा में,
माननीय कुलपति महोदय,
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी
विषय - सितंबर में हिन्दी दिवस के अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी के हिन्दी विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ एवं प्रज्ञा : द क्रिएटिव एवं लिटरेरी क्लब द्वारा दिनाँक 14 से 21 सितंबर 2023 तक हिन्दी प्रतियोगिता सप्ताह में आयोजित हिन्दी निबंध और हिन्दी कहानी प्रतियोगिता में हमारे द्वारा लिखित निबंध "भारत की भाषा समस्या और हिन्दी" और कहानी "हिन्दी : भारत के माथे की बिंदी" की प्रति उपलब्ध कराई जाए और हमारे लेखकीय अधिकारों का संरक्षण हो।
महोदय,
निवेदन करते हुए आपको सूचित करते हैं कि हम गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड महाविद्यालय, झाँसी में परास्नातक हिन्दी उत्तरार्द्ध का छात्र होने के साथ - साथ स्थापित लेखक भी हैं। सन 2022 में बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति, झाँसी की पहल गुमनाम से नाम की ओर के तहत अनामिका प्रकाशन, प्रयागराज से मेरी पहली पुस्तक 'पंचायत' (हिन्दी कहानी एवं कविता संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। इसके साथ ही वर्ष 2023 में सीसीआरटी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव पोर्टल पर 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अखंड बुंदेलखंड का योगदान' विषय पर बुंदेलखंड के इतिहास से संबंधित 19 कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। सन 2013-14 से हम विविध विषयों पर लेखन कर रहे हैं।
विगत माह सितंबर में हिन्दी दिवस के अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी के हिन्दी विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ एवं प्रज्ञा : द क्रिएटिव एवं लिटरेरी क्लब द्वारा दिनाँक 14 से 21 सितंबर 2023 तक हिन्दी प्रतियोगिता सप्ताह का आयोजन कराया गया। जिसमें हमनें दिनाँक 15 सितंबर 2023 को आयोजित हिन्दी निबंध प्रतियोगिता में "भारत की भाषा समस्या और हिन्दी" विषय पर ए-फॉर साइज पेपर पर 6 पेज का मौलिक निबंध लिखा। और फिर 16 सितंबर 2023 को हिन्दी कहानी प्रतियोगिता में हमने "हिन्दी : भारत माता के माथे की बिंदी" विषय पर ए-फॉर साइज के पेपर पर 4 पेज की मौलिक और समकालीन परिदृश्य पर कहानी लिखी।
प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को पुरस्कारों की क्रमशः प्रथम ₹1000, द्वितीय ₹750, तृतीय ₹500 और प्रमाणपत्र से सम्मानित करने की व्यवस्था थी।
प्रतिभागियों हेतु प्रमुख नियम और शर्तें इस प्रकार थीं -
1. सभी प्रतियोगिता ऑफलाइन माध्यम से आयोजित की जाएंगी।
2. किसी विजेता को एक से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जायेंगें।
3. प्रतियोगिता में बी०यू० के नियमित छात्र-छात्राएँ भाग ले सकेंगे...इत्यादि।
21 सितंबर 2023 को हिंदी दिवस सप्ताह समारोह में प्रतिभागियों को उनकी प्रतिभा का सम्मान हेतु दोपहर 01 : 30 बजे हिन्दी विभाग, वृन्दावनलाल वर्मा सभागार में आमंत्रित किया गया। लेकिन मुझे आयोजकों द्वारा फोन करके कहा गया कि आप बुंदेलखंड महाविद्यालय के छात्र हैं, विश्वविद्यालय परिसर के नहीं। इसलिए आप प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी नहीं माने जाएँगे और न ही पुरस्कार पाने के हकदार होंगे क्योंकि ये प्रतियोगिताएं केवल विश्वविद्यालय परिसर के छात्र - छात्राओं हेतु हो रहीं थीं। हमने जवाब में कहा - ठीक है सर / मैम लेकिन हम यदि प्रतिभागी नहीं माने जा रहे आज जबकि हम प्रतिभाग कर चुके हैं। यदि हम प्रतिभागी नहीं माने जा रहे तो हमारे रचनात्मक लेखन की मूल प्रति या छाया प्रति हमें दे दीजिए जो हमारा अधिकार भी है और आपका नैतिक कर्त्तव्य भी।
21 सितंबर 2023 के बाद हमने आयोजकों और संयोजकों से 4-5 बार अपने रचनात्मक लेखन की प्रति प्राप्त करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने अनसुनी कर दी हर बार। जबकि आयोजक और संयोजक हमसे और हमारे लेखन से भली भाँति परिचित हैं।
अब तक हम नरमी से पेश आ रहे थे और आयोजक गरमी दिखा रहे थे। आयोजक तथाकथित पूर्वांचली होकर बुंदेलखंड का अन्न - पानी ग्रहण करनेवाले और बुन्देलखंडी छात्र - छात्राओं के अभिभावकों की खून - पसीने की कमाई की वेतन खाने वाले बुंदेली प्रतिभा का सम्मान नहीं कर रहे हैं। बुंदेली संस्कृति के विकास और बुंदेली छात्र - छात्राओं की प्रतिभा के परिष्कार में सहयोगी न बनकर प्रतिभा का हनन कर रहे हैं। हमें व्यक्तिगत अपमानित कर रहे हैं और हमारे आत्मस्वाभिमान को डिगा रहे हैं। आयोजक इस भ्रम में न रहें कि हम तथाकथित पूर्वांचली प्रोफेसर बहुमत में हैं तो अपनी अकड़ में जिएँगे। जिस दंभ में जी रहे हैं वो दंभ हम बुंदेलखंडी एक क्षण में चूर - चूर कर देंगे। चेतावनी है आयोजकों और तथाकथित पूर्वांचली प्रोफेसरों को कि वे अपने आचारों और विचारों में सुधार लाएँ। जिस बुंदेलखंड की माटी का अन्न खा रहे हैं और जिन बुन्देलखंडियों की खून - पसीने की कमाई की वेतन पा रहें हैं। उस बुंदेलखंड और बुन्देलखंडियों को ईमानदारी से शिक्षा देने और छात्र - छात्राओं के चहुँमुखी विकास में सहयोगी बनें। हम बुन्देलखंडी हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले हैं और क्रांति करके सकारात्मक बदलाओ लाने वाले हैं इसलिए हम पढ़ते हैं, लिखते हैं और अपने हक के लिए लड़ते भी हैं। किसी से डरते तो हम कतई नहीं। हम अकेले नहीं हैं हमारे साथ अखंड बुंदेलखंड है। अपना हक हम लेकर रहेंगें। हम अपने रचनात्मक लेखन की प्रति लेकर रहेंगे।
अतः माननीय कुलपति जी से निवेदन है कि हमने दिनाँक 09 सितंबर 2023 को अपने अगली किताब - "भागकर की शादी " (हिन्दी कहानी संग्रह) प्रकाशन हेतु प्रकाशक को भेजी है, जिसमें हम प्रतियोगिता में लिखित कहानी "हिन्दी : भारत के माथे की बिंदी" भी प्रकाशित कराना चाह रहे हैं और जल्द ही निबंध संग्रह भी प्रकाशन हेतु भेज रहे हैं इसलिए वे हमें 3 दिन के अंदर हमारे द्वारा लिखित निबंध "भारत की भाषा समस्या और हिन्दी" और कहानी "हिन्दी : भारत के माथे की बिंदी" की मूल प्रति या छायाप्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें और हमारे लेखकीय अधिकारों के संरक्षण हेतु आयोजकों को आदेशित करें। आपकी महान कृपा होगी।
।। जै जै बुंदेलखंड - जै जै श्रीराम ।।
।। जै जै बुंदेली - जै जै झाँसी की रानी ।।
दिनाँक - 11 अक्टूबर 2023
निवेदक :-
छात्र / लेखक - गिरजाशंकर कुशवाहा
'कुशराज झाँसी'
पाठ्यक्रम - परस्नातक हिन्दी उत्तरार्द्ध
संस्थान - हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड महाविद्यालय, झाँसी
संपर्क - 9569911051, 8800171019
ईमेल - kushraazjhansi@gmail.com
ब्लॉग - कुशराज की आवाज (kushraaz.blogspot.com)
विशेष - सीसीआरटी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव पोर्टल पर 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अखंड बुंदेलखंड का योगदान' विषय पर बुंदेलखंड के इतिहास से संबंधित 19 कहानियाँ प्रकाशित
संलग्न -
1. हिन्दी प्रतियोगिता सप्ताह सम्बंधित कागजात
2. प्रतिभागी का प्रतियोगिता का प्रपत्र
प्रति,
1. माननीया कुलाधिपति, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी / माननीया राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार
2. माननीय विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी
3. आयोजक / संयोजक - हिन्दी प्रतियोगिता सप्ताह - 2023, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी













Comments
Post a Comment