झाँसी में सम्पन्न हुई कबीर के साहित्य की प्रासंगिकता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी...
*** झाँसी में सम्पन्न हुई कबीर के साहित्य की प्रासंगिकता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी... ***
आज १८ दिसंबर २०२३ को संत कबीर अकादमी, लखनऊ, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश एवं वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय, झाँसी के संयुक्त तत्वावधान में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय, झाँसी के सभागार में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी - " निर्गुण निधि - कबीर के साहित्य की प्रासंगिकता " में प्रतिभाग करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुख्य अतिथि प्रो० मुकेश पांडेय (कुलपति, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी) ने शिक्षा जगत में कबीर की प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त किए। वहीं मुख्य वक्ता आचार्य पुनीत बिसारिया Puneet Bisaria (आचार्य एवं पूर्व विभागाध्यक्ष, हिन्दी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी) ने कबीर की सगुण भक्ति, गुरू की महिमा और कबीर के चार राम पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम अध्यक्षा प्रो० अनुभा श्रीवास्तव (प्राचार्या, वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय, झाँसी) ने कबीर की गुरू महिमा को समझाया।
अन्य वक्ताओं में डॉ० निलय गोस्वामी (प्रभारी प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, इंदरगढ़, मध्यप्रदेश), डॉ० इला द्विवेदी (विभागाध्यक्षा, हिन्दी, शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दतिया), डॉ० पायल लिल्हारे (विभागाध्यक्षा, हिन्दी, अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, निवाड़ी), डॉ० श्रीहरी त्रिपाठी (सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी), डॉ० श्याम मोहन पटेल (सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड महाविद्यालय, झाँसी), डॉ० नवीनचंद पटेल (सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी) उपस्थित रहे।
डॉ० पायल लिल्हारे ने कबीर के साहित्य में नारी और डॉ० श्याम मोहन पटेल ने कबीर के समाजसुधारक रूप को रेखांकित करते हुए आज के समाज में कबीर की प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर छात्राओं द्वारा कबीर के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। साथ ही श्री नीरज एवं पार्टी द्वारा कबीर / निर्गुण गायन की प्रस्तितु दी गई।
इस अवसर पर वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय, झाँसी के हिन्दी विभाग के आचार्य - आचार्याओं में डॉ० सीमा श्रीवास्तव (विभागध्यक्षा एवं संगोष्ठी संयोजिका), मुकेश सिंह, राम सजीवन भास्कर, डॉ० नेहा मिश्रा एवं बुंदेलखंड महाविद्यालय, झाँसी के हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ० शिव प्रकाश त्रिपाठी के साथ ही बुंदेलखंड के विभिन्न महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के आचार्य, आचार्याएँ, शोधार्थी, पत्रकार, सैकड़ों छात्राएँ एवं छात्र उपस्थित रहे।
हमारे साथ परममित्र दीपक नामदेव Deepak Namdev (परास्नातक छात्र, हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड महाविद्यालय, झाँसी) विशेष रूप से उपस्थित रहे।
- किसान गिरजाशंकर कुशवाहा
'कुशराज झाँसी'
(परास्नातक छात्र, हिन्दी विभाग, बुंदेलखंड महाविद्यालय, झाँसी)
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