किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी' नें गढ़-कुडार महोत्सओ में बाँचौ सोदपत्त...
** किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी' नें गढ़-कुडार महोत्सओ में बाँचौ सोदपत्त... **
मध्य पिरदेस सिरकार की ताएँ सें आयोजित तीन दिनाई (२७-२९ दिसंबर २०२३) महाराजा खेतसिंघ खंगार जैंती समारोह - "गढ़-कुडार महोत्सओ" के दूसरे दिनाँ २८ दिसंबर २०२३ खों कामकाजीघर उपसंचालक, पुरातत्व, अभिलेखागार उर संग्रहालय मध्य पिरदेस उत्तरी छेत्त, गबालियर की ताएँ सें "बुंदेलखंड छेत्त में खंगार राजबंस कौ राजनैतिक उर सांसकिरतिक बैभओ" बिसै पे कुडार किले में आयोजित इक दिनाई सोद संगोसठी में हमनें "कुडार कौ राजनैतिक - सांसकिरतिक बैभओ" नांओं कौ सोदपत्त बाँचौ। गुरूजी डॉ० रामसंकर भारती नें संगोसठी के तीसरे सत्त की अध्यक्छता करी उर महाराजा खेतसिंघ खंगार की जीबनी उर खंगार राजबंस खों प्राथमिक सिक्छा सें लेकें उच्च सिक्छा के पाठकिरम में सामिल करबे की बकालत करी। मातापिसाद साक्य नें बुंदेली लोकनाट्य - 'टेसू' से बुंदेली संसकिरती की अनोखी झलक दिखाई।
यी औसर पे उपसंचालक पी० सी० महोबिया, रमेस सिंघ यादब, डॉ० पिरमोद कुमार अगरबाल, डॉ० बसीम, पन्नालाल असर, आरिफ सैडोली, संतोस पटैरेया, रामप्रकास गुप्ता, बासुदेओ सिंघ समेत अखंड बुंदेलखंड के इतहासकार, पुरात्तवबिद, अफसर, लिखनारे, पत्तकार, सोदार्थी उर सैकड़न लोग - लुगाई मौजूद रए।
- किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी'
(अगुआईकारी - बदलाओकारी बिचारधारा, सोदार्थी, युबा इतहासकार)
२८/१२/२०२३, झाँसी
** किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' ने गढ़कुंडार महोत्सव में पढ़ा शोधपत्र...**
मध्य प्रदेश शासन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय (27 - 29 दिसंबर 2023) महाराजा खेतसिंह खंगार जयंती समारोह - " गढ़कुंडार महोत्सव " के दूसरे दिन 28 दिसंबर 2023 को कार्यालय उपसंचालक, पुरातत्त्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय मध्य प्रदेश उत्तरी क्षेत्र, ग्वालियर द्वारा " बुंदेलखंड क्षेत्र में खंगार राजवंश का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक वैभव" विषय पर गढ़कुंडार दुर्ग में आयोजित एक दिवसीय शोध संगोष्ठी में हमने "गढ़कुंडार का राजनैतिक - सांस्कृतिक वैभव" नामक शोधपत्र पढ़ा। गुरूजी डॉ० रामशंकर भारती ने संगोष्ठी के तृतीय सत्र की अध्यक्षता करते हुए महाराजा खेतसिंह खंगार की जीवनी और खंगार राजवंश को प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत की। माताप्रसाद शाक्य ने बुंदेली लोकनाट्य - 'टेसू' से बुंदेली संस्कृति की अनोखी झलक दिखाई।
इस अवसर पर उपसंचालक पी० सी० महोबिया, रमेश सिंह यादव, डॉ० प्रमोद कुमार अग्रवाल, डॉ० बसीम, पन्नालाल असर, आरिफ शहड़ोली, संतोष पटैरिया, रामप्रकाश गुप्ता, वासुदेव सिंह समेत अखंड बुंदेलखंड के इतिहासकार, पुरात्तवविद, अधिकारी, लेखक, पत्रकार, शोधार्थी और सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
- किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'
(प्रवर्त्तक - बदलाओकारी विचारधारा, शोधार्थी, युवा इतिहासकार)
२८/१२/२०२३, झाँसी
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