Sunday 4 February 2024

बुंदेलखंड की धरती पे बुंदेलखंडियों की भर्ती हो और बुंदेलखंड में बुन्देलखंडियों को रोजगार, शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश में 50% आरक्षण मिले - किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'

*** बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर भर्ती रद्द कराने और बुंदेलखंड में बुन्देलखंडियों को रोजगार, शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश में 50% आरक्षण का प्रावधान कराने हेतु बुन्देली-बुंदेलखंड अधिकार कार्यकर्त्ता किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' ने लिखा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी के कुलाधिपति / कुलपति कौ सौंपा ज्ञापन.... ***








सेवा में, 

          माननीय कुलाधिपति / कुलपति

          बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी


विषय - " बुंदेलखंड की धरती पे बुंदेलखंडियों की भर्ती हो। "


महोदय,

           आपका हम इस विषय पर ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं कि बुंदेलखंड विश्ववविद्यालय, झाँसी के विभिन्न विभागों और संस्थानों जैसे प्राणीशास्त्र विज्ञान, फॉरेंसिक सांइस, शिक्षा, हिन्दी, कृषि, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बैंकिंग एवं अर्थशास्त्र, पर्यटन एवं होटल प्रबंधन आदि में अगस्त 2023 में विज्ञापित प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जिसमें बुंदेलखंड के अभ्यर्थियों को उपेक्षित किया जा रहा है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि एक पद के एवज में 50-60 लाख रुपए रिश्वत ली जा रही है। भर्ती प्रक्रिया में चल रही अनियमितताओं के चलते हम बुन्देलखंडी महामहिम राज्यपाल, योगी सरकार, मोदी सरकार और माननीय उच्च न्यायालय से तत्काल प्रभाव से भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की माँग करते हैं और बुन्देलखंडियों को 50% आरक्षण के आधार पर भर्ती करने की विनती करते हैं।


बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शैक्षिक और गैर-शैक्षिक पदों में विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही बुन्देलखंडियों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। विश्वविद्यालय में विशेषकर पूर्वांचली ही अधिकतर कुलपति, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष जैसे उच्च पदों पर रहे हैं और आज भी हैं। उच्च पदों पर होने का लाभ इन्होंने भरपूर लिया है और अपने सगे-संबंधियों को पदों पर बैठाकर बुंदेलखंड का आर्थिक और सांस्कृतिक शोषण किया है। आखिर कब तक उपेक्षा का दंश झेलेगा बुंदेलखंड ?


बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में स्नातक, बी०ए० ऑनर्स हिन्दी और बी० ए० एवं परास्नातक, एम०ए० हिन्दी में 'बुंदेली भाषा और साहित्य' का एक विषय पाठ्यक्रम में लगा आ रहा है लेकिन इस बुंदेली भाषा और साहित्य के विषय को पढ़ाने वाले प्रोफेसर बुन्देलखंडी नहीं है। बुन्देलखंडी प्रोफेसर ही बुन्देली भाषा और साहित्य विषय का उच्च स्तरीय ज्ञान छात्र-छात्राओं को करा सकते हैं इसलिए बुन्देली विषय को पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय परिसर और समस्त कॉलेजों में बुन्देलखंडी प्रोफेसर की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से की जाए।


बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पदों में मिले हम बुन्देलखंडियों को 50% आरक्षण मिले। नियुक्ति प्रक्रिया में बुन्देलखंडी उसे ही माना जाए, जिसका जन्म बुंदेलखंड में हुआ हो और उसकी पिछली दो पीढ़ियाँ बुंदेलखंड में निवास करती आ रहीं हों अथवा वे गैर-बुन्देलखंडी जिन्होंने स्नातक, परस्नातक और शोध की डिग्री बुंदेलखंड विश्वविद्यालय या बुंदेलखंड के अन्य विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की हो और वे एवं उनके माता-पिता पिछले बीस साल से बुंदेलखंड में निवास कर रहे हों।


अगस्त 2023 में विज्ञापित प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया में 12 जनवरी को 2024 को प्रकाशित चयन हेतु योग्य पाए गए अभ्यर्थियों के एकेडमिक स्कोर में भी क्षेत्रवाद, जातिवाद, ब्राह्मणवाद और भाई-भतीजावाद का पूरा ध्यान रखा गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन और चयन समिति यदि भर्ती प्रक्रिया में क्षेत्रवाद, जातिवाद, ब्राह्मणवाद और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हुए यदि पूर्वांचलियों को वरीयता देगी तो ठीक नहीं होगा। हम बुंदेलखंडी किसी के कम नहीं। जितने जातिवादी दुनिया में हैं, उससे ज्यादा बुन्देलखंडी जातिवादी, परंपरावादी हैं। हम बदलाओकारी, क्रांतिकारी हैं। सन 1857 की क्रांति में राष्ट्रमाता झाँसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई ने अग्रेंजी सत्ता को हिला दिया और नारा दिया था - 

" भाग फिरंगी भाग, हर हर महादेव....."


हम पूर्वांचलियों से अपने बुंदेलखंड को बचाने के लिए नारा देते हैं -

" भाग पूर्वांचली भाग.....

पूर्वांचलियों बुंदेलखंड छोड़ो.....

बुंदेलखंड की धरती पे बुंदेलखंड की भर्ती हो...जै जै श्रीराम, जै जै सीता, जै जै बुंदेलखंड, जै जै बुन्देली..... "


बुंदेलखंड को केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार वरीयता दे रही है और बुंदेलखंड के चहुँमुखी विकास के नई-नई इबारतें लिख रही है। बुंदेलखंड विकास बोर्ड, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, बीड़ा, झाँसी पुस्तकालय, केन-बेतवा लिंक परियोजना इत्यादि संस्थाएं और  योजनाएं बुंदेलखंड के लिए मील का पत्थर साबित हो रहीं हैं। 19 नवंबर 2021 को राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व पर झाँसी में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुन्देली भाषा में भाषण दिया था और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत क्षेत्रीय भाषाओं में निहित बुन्देली भाषा की शिक्षा और बुन्देली माध्यम में शिक्षा के विशेष प्रावधान किए हैं। जब सरकार बुंदेली और बुंदेलखंड के विकास में नए-नए कीर्तिमान रच रही है तो फिर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय बुन्देली और बुन्देलखंडियों की उपेक्षा आखिर क्यों कर रहा है ? झाँसी के सांसद माननीय अनुराग शर्मा द्वारा बुन्देली और बुंदेलखंड को समर्पित पंडित विश्वनाथ शर्मा बुंदेलखंड हेरिटेज इंस्टिट्यूट की बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में नींव रखी है, जो युगांतकारी कदम है। हम बुन्देलखंडी मोदी जी, योगी जी और शर्मा जी का भौत-भौत आभार जताते हैं। 


बुंदेलखंड गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं का क्षेत्र है और माननीय मोदी जी कह रहे हैं कि गरीब, किसान, युवा और महिला ही हमारे लिए देश की चार जातियाँ हैं, इनका कल्याण करना ही मेरा लक्ष्य है। हम बदलाओकारी, किसानवादी, बुन्देलखंडी मोदी जी की इस बात का समर्थन करते हैं और बुंदेलखंड में बुन्देलखंडियों के लिए केंद्रीय शिक्षा संस्थानों, राज्य शिक्षा संस्थानों, प्रशासन, रोजगार जैसे बीड़ा आदि में छात्र-छात्राओं, अभ्यर्थियों हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने की हम बुन्देलखंडी सरकार से विनती करते हैं।


।। बुंदेलखंड की धरती पे - बुंदेलखंड की भर्ती हो।। 

।। हम बुंदेलखंड किसी के कम नहीं।।


             ।। जै जै श्रीराम ।।

             ।। जै जै सीता ।।

             ।। जै जै मोदी ।।

             ।। जै जै योगी ।।

            ।। जै जै बुंदेलखंड ।।

              ।। जै जै बुन्देली ।।


दिनाँक - 03/01/2023, झाँसी


निवेदक -

किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'

(बुन्देली-बुंदेलखंड अधिकार कार्यकर्त्ता, संस्थापक - बुन्देली-बुंदेलखंड आंदोलन, लेखक, इतिहासकार - सीसीआरटी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के योगदानकर्त्ता)

झाँसी, अखंड बुंदेलखंड 

मो० - 9569911051, 8800171019

ईमेल - kushraazjhansi@gmail.com

ब्लॉग - कुसराज की आबाज


संलग्नक -

भर्ती संबंधित विज्ञापन एवं अन्य कागजात

https://bujhansi.ac.in/events/recruitment.html?cd=MwA5ADMA


प्रतिलिपि  -

(1.) महामहिम राष्ट्रपति, भारत सरकार, दिल्ली

(2.) मा० प्रधानमंत्री, भारत सरकार, दिल्ली

(3.) मा० शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, दिल्ली

(4.) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, दिल्ली

(5.) महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, लखनऊ

(6.) मा० उच्च न्यायालय, प्रयागराज (इलाहाबाद)

(7.) मा० मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ

(8.) मा० शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ

(9.) मा० उपाध्यक्ष, बुंदेलखंड विकास बोर्ड, लखनऊ

(10.) मा० सांसद, झाँसी - ललितपुर

(11.) मा० शिक्षक विधायक, झाँसी-प्रयागराज

(12.) चयन समिति, नियुक्ति, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी

(13.) समस्त संकायाध्यक्ष, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी

(14.) समस्त विभागध्यक्ष, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी


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