जाति हमारी संस्कृति की अभिन्न अंग है - कुशराज झाँसी

 " जाति हमारी संस्कृति की अभिन्न अंग है। "


©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा

'कुशराज झाँसी'

(प्रवर्त्तक - बदलाओकारी विचारधारा)

२९/३/२०२४, झाँसी

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