महाँन बुंदेली साहित्यकार, आलोचक डा० रामनारान सरमा जू खों झाँसी में बिनके घरे बुंदेली बसंत पत्तिका भेंट करत भए हम किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी' (सतेंद सिंघ किसान) उर संगे झाँसी के साहित्यकार कक्का बिजै पिरकास सैनी जू।
सरमा जू सें बुंदेली भासा उर साहित्य पे बतकाओ करौ। साथी युबा कबी सिबम हरी (झाँसी) भी संगे रए।
४/४/२०२४, झाँसी
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