Wednesday 22 May 2024

आपाधापी के युग पर कुशराज की टिप्पणी

*** आपाधापी के युग पर कुशराज की टिप्पणी ***

आपाधापी के इस दौर में मशीनी स्त्री-पुरूष अपने मन की बात सुनने के लिए ही समय नहीं निकाल पा रहे हैं। तो फिर व्यस्तता के चलते अपनों के लिए क्या ही समय निकालेंगे। अपनों का अपनों के साथ समय व्यतीत नहीं करने का नतीजा ये हो रहा है कि रिश्ते बच ही नहीं पा रहे हैं। सबका बाजारीकरण हो गया है। जो जल्द ही सबको ले डूबेगा पाताल में इसलिए सचेत हो जाओ। बाजार और मशीनी दिमाग से मत चलो। अपनों के लिए भी समय निकालो तभी असली खुशी प्राप्त कर सकोगे।

©️ कुशराज
_२२/०५/२०२४_८:३१रात _ झाँसी

#आपाधापी #21वींसदी #मशीनीमानव #स्त्री #पुरूष #रिश्ते #कुशराजकेविचार

No comments:

Post a Comment

विजयादशमी 12 अक्टूबर 2024 से प्रकाशित पोलिटिकल बाजार के नए स्तम्भ 'कवि और कविताएँ' पर कुशराज की टिप्पणी

विजयादशमी 12 अक्टूबर 2024 से प्रकाशित पोलिटिकल बाजार के नए स्तम्भ 'कवि और कविताएँ' पर कुशराज की टिप्पणी - "पोलिटिकल बाजार के सं...