आपाधापी के युग पर कुशराज की टिप्पणी
*** आपाधापी के युग पर कुशराज की टिप्पणी ***
आपाधापी के इस दौर में मशीनी स्त्री-पुरूष अपने मन की बात सुनने के लिए ही समय नहीं निकाल पा रहे हैं। तो फिर व्यस्तता के चलते अपनों के लिए क्या ही समय निकालेंगे। अपनों का अपनों के साथ समय व्यतीत नहीं करने का नतीजा ये हो रहा है कि रिश्ते बच ही नहीं पा रहे हैं। सबका बाजारीकरण हो गया है। जो जल्द ही सबको ले डूबेगा पाताल में इसलिए सचेत हो जाओ। बाजार और मशीनी दिमाग से मत चलो। अपनों के लिए भी समय निकालो तभी असली खुशी प्राप्त कर सकोगे।
©️ कुशराज
_२२/०५/२०२४_८:३१रात _ झाँसी
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