26वें जन्मदिन पर युवा लेखक, सामाजिक कार्यकर्त्ता कुशराज के नाम उनके गुरूजी डॉ० रामशंकर भारती का संदेश
*** 26वें जन्मदिन पर युवा लेखक, सामाजिक कार्यकर्त्ता कुशराज के नाम उनके गुरूजी डॉ० रामशंकर भारती का संदेश ***
प्रिय कुशराज!
आज तुम्हारा जन्मदिन है। नए सकारात्मक संकल्प, नई ऊर्जा और संवेदनाओं को अपनी साँसों के साथ लेकर राष्ट्र निर्माण के महती कार्य को समर्पित होकर करते रहना है। साहित्य, समाज और संस्कृति का उद्देश्य मनुष्य निर्माण करना है। सामाजिक सरोकारों की पूर्ति के लिए जीवनमूल्यों को आत्मसात् करते रहिए।भारतीय मनीषा का अध्ययन, मनन, चिंतन करते हुए अपने भीतर के सूरज को हर उस जगह उगाना है, जहाँ अँधेरे कुण्डली मारे बैठे हैं। अपने पुरखों की गौरवशाली परंपरा को संरक्षित करते रहिए। मसिधर्मी होने के मायने भी यही हैं।
उत्तरोत्तर प्रगति करिए। परमात्मा से यही मंगल कामना करता हूँ।
जन्मदिन की अशेष शुभाकाँक्षाएँ।
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©️ डॉ० रामशंकर भारती
(बुंदेली लोकसंस्कृतिकर्मी - साहित्यकार)
३० जून २०२४, झाँसी
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