किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' की आलोचना पर टिप्पणी...
" आलोचना कभी निर्मम नहीं होती, उसमें आलोचक की रचनाकार के प्रति अनोखी ममता झलकती है। "
©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा
'कुशराज झाँसी'
19/7/2024_10:25रात_झाँसी
#आलोचना #आलोचक #रचना #साहित्य #रचनाकार #साहित्यकार #ममता #Criticism #Critic #Rachna #Literature #Creator #Sahityakar #Mamta
Comments
Post a Comment