आचार्य पुनीत बिसारिया के सिनेमा संबंधी साप्ताहिक स्तम्भ के लेख 'कैसा होगा भारतीय विशेषकर हिन्दी सिनेमा का भविष्य' पर कुशराज की टिप्पणी
पॉलिटिकल बाजार डॉट कॉम पर 06 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित आचार्य पुनीत बिसारिया के सिनेमा संबंधी साप्ताहिक स्तम्भ के लेख 'कैसा होगा भारतीय विशेषकर हिन्दी सिनेमा का भविष्य' पर कुशराज की टिप्पणी -
"गुरूजी! आपने ठीक कहा है कि हिन्दी सिनेमा यानी बॉलीवुड में खानत्रयी के दिन लदने वाले हैं। इन खानत्रयी - सलमान खान, आमिर खान और शाहरुख खान के युग खत्म होना भी चाहिए क्योंकि इन्होंने भारतीय सिनेमा में सांस्कृतिक प्रदूषण का जहर घोला है। सिनेमा से सांस्कृतिक प्रदूषण को मिटाने हेतु और भारतीय संस्कृति की अस्मिता की रक्षा हेतु कम बजट की फिल्में जैसे - गुठली लड्डू, लापता लेडीज, लघु फिल्में और वेबसीरीज जैसे - पंचायत का बनना युगान्तकारी कदम है और सिनेमा में नए युग के शुरू होनी की आहट है। अब अपनी अभिनय की दम पर गैर बॉलीवुड स्टार पृष्ठभूमि के अभिनेता - अभिनेत्रियाँ अभिनय जगत में अपनी वैश्विक पहचान बना रहे हैं। सिनेमा जगत से भाई-भतीजावाद और वंशवाद के दीमक को खत्म होना ही चाहिए।
गुरूजी! भारतीय सिनेमा और हिन्दी सिनेमा के भविष्य को लेकर आपका चिंतन अनुकरणीय है।"
- कुशराज
(युवा समीक्षक)
6/10/2024, झाँसी
आप आचार्य पुनीत बिसारिया का लेख "कैसा होगा भारतीय विशेषकर हिन्दी सिनेमा का भविष्य" यहाँ पढ़ सकते हैं👇
https://politicalbazaar.com/what-will-be-the-future-of-indian-cinema-especially-hindi-cinema/
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