किसान डॉ० विजयप्रकाश सैनी के कविता-संग्रह 'मैं कहता आँखन देखी' का विमोचन और बाबू श्यामलाल सैनी स्मृति साहित्य गौरव सम्मान समारोह झाँसी में संपन्न
किसान डॉ० विजयप्रकाश सैनी के कविता-संग्रह 'मैं कहता आँखन देखी' का विमोचन और बाबू श्यामलाल सैनी स्मृति साहित्य गौरव सम्मान समारोह झाँसी में संपन्न
विगत 1 दिसंबर, रविवार को अखंड बुंदेलखंड के सुप्रसिद्ध कवि, समाजसेवी 'किसान डॉ० विजयप्रकाश सैनी' के कविता-संग्रह 'मैं कहता आँखन देखी' का भव्य विमोचन और अखंड बुंदेलखंड के साहित्यकारों का सम्मान 'बाबू श्यामलाल सैनी साहित्य सेवा संस्थान' द्वारा झाँसी के सैनी गार्डन, माली का हाता, सीपरी बाजार में किया गया। इस अवसर पर साहित्यकारों को 'बाबू श्यामलाल सैनी स्मृति साहित्य गौरव सम्मान - 2024' से स्मृतिचिह्न, अंगवस्त्र और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। युवा आलोचक के रूप में हमें भी 'बाबू श्यामलाल सैनी स्मृति साहित्य गौरव सम्मान-2024' से सम्मानित होने का सौभाग्य मिला। किसान डॉ० विजयप्रकाश सैनी की कविता पर विमर्श करते हुए डॉ० सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा, सैनी जी की कविताएँ व्यंग्य के माध्यम से समाज को प्रेरणा देने का काम कर रहीं हैं। वहीं आलोचक डॉ० रामशंकर भारती ने सैनी जी की कविताओं को कबीर की अक्खड़ता, निराला की फक्कड़ता से जोड़ते हुए समकालीन जनवादी परंपरा की पोषक आम आदमी की कविता निरूपित किया। लोकभूषण पन्नालाल 'असर' ने सैनी जी की कविताओं को ग्रामीण समाज की विसंगतियों को उकेरती कविता कहा। समारोह अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रामसेवक पाठक 'हरिकिंकर' की। मुख्य अतिथि कवि बाबूलाल द्विवेदी ने संस्कृत में पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की, वहीं पूर्व आईएएस डॉ० प्रमोदकुमार अग्रवाल और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी के समाजकार्य विभाग के आचार्य डॉ० मुहम्मद नईम ने 'मैं कहता आंखन देखी' पर व्याख्यान दिया। इस अवसर साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों ने 'मैं कहता आँखन देखी' के रचियता किसान डॉ० विजयप्रकाश सैनी को अभिनंदन पत्र और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। समारोह का शुभारंभ ब्रजलता मिश्रा की सरस्वती वंदना से हुआ। मंच पर विराजमान विद्वानों में डॉ० गौरीशंकर उपाध्याय 'सरल', उमाशंकर खरे 'उमेश', आलोक शाण्डिल्य, डॉ० सुमन मिश्रा, भगवान सिंह कुशवाहा 'राही', डॉ० सुखराम चतुर्वेदी, राज गोस्वामी, प्रताप नारायण दुबे, रवीश त्रिपाठी, कृष्ण मुरारी श्रीवास्तव 'सखा', पूर्व राजभाषा अधिकारी भटनागर आदि प्रमुख रहे। वहीं आरिफ शहडोली, अर्जुन सिंह चाँद, संजीव दुबे, सी० बी० राय तरुण, श्यामशरण नायक, माताप्रसाद शाक्य, संजय तिवारी 'राष्ट्रवादी', रवि कुशवाहा, आदित्य सैनी, के० के० साहू, निहालचंद शिवहरे, साकेत सुमन चतुर्वेदी, संगीता निगम, संध्या भूषण, बबीता सैनी, रमा शुक्ला,अरूण कुमार हिंग्वासिया, राहुल मिश्रा, पवन तूफान, जी० पी० वर्मा मधुरेश सहित सैकडों साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे। समारोह का सफल संचालन डॉ० राजेश तिवारी 'मक्खन' ने किया और आयोजन समिति के शरद मिश्रा और विकास अवस्थी ने आभार व्यक्त किया।
- किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'
(युवा आलोचक, बदलाओकारी विचारक)
४/१२/२०२४, झाँसी
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