दिल्ली में मोदी की गारंटीवाला भगवाराज
हर देश और राज्य की राजनैतिक पार्टियों के साथ ही सरकारों को अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के प्रति समर्पित होना ही चाहिए। जो राजनैतिक पार्टियाँ और सरकारें अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म का विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार करके जनता के कल्याण हेतु काम करती हैं, वो सदियों तक शासन में बनी रहतीं हैं। वर्तमान में भारत की राजनैतिक पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी ही अपनी प्राचीनतम संस्कृति - भारतीय संस्कृति, अपनी भाषाओं - संस्कृत, हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं और अपने धर्म - सनातन / हिन्दू धर्म के विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार में संकल्पित होकर काम कर रही है और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के साथ ही भाजपाशासित राज्य सरकारें अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के प्रति समर्पित होकर विकसित भारत और विश्वगुरू भारत बनाने हेतु काम रहीं हैं। भाजपा की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करके शिक्षा के हर स्तर पर भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन-अध्यायन को अनिवार्य करके श्रेष्ठतम शिक्षा व्यवस्था - गुरुकुल / आश्रम पद्धति, सनातनी संस्कृति, भारतीय भाषाओं और धार्मिक साहित्य - हिन्दू धर्मग्रन्थों को पाठ्यक्रम में स्थान देकर भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ने का युगांतकारी काम किया है। अयोध्या में राममंदिर स्थापना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारतीय न्याय संहिता जैसे कानूनों और विकसित भारत के संकल्प से भाजपा का जनाधार बढ़ा है, जिसका सुखद परिणाम महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब दिल्ली राज्य में भी भाजपा की विजयश्री के रूप में सारी दुनिया को दिख रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में आयोजित विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक मेले प्रयागराज महाकुंभ के अमृत स्नान के पुण्यों का फल भाजपा को दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक विजयश्री के रूप में तुरंत मिल गया है। अब राष्ट्रीय राजधानी और केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली में 27 बरस बाद कमल खिला है और मोदी की गारंटीवाला भगवाराज आया है। इससे पहले बरस 1993 में दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी।
इस बार दिल्लीवालों ने भाजपा के 70 में से 48 विधायक बनाकर विजयश्री दिलाई ली। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री को पद को मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा और बाँसुरी स्वराज में से कोई एक सुशोभित करेगा।
भाजपा की दिल्ली विजय देश के कल्याण हेतु समर्पित मोदी जी की जीवन दर्शन, सुशासन, विकास और जनता की जीत है। आप के राष्ट्रीय संयोजक यानी दा साब, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सौरभ भारद्वाज, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन सहित पार्टी के कई बड़े नेता भगवा लहर में अपने पापों की बजह से पराजित हुए हैं। आप और केजरीवाल की दिल्ली पराजय गुरू अन्ना हजारे से छल-कपट और अपने साथियों प्रशान्त भूषण, योगेंद्र यादव, कुमार विश्वास आदि से धोखेबाजी और जनता को उल्लू बनाने का दुष्परिणाम है। केजरीवाल और सिसौदिया ने दिल्ली में पहले शिक्षा व्यवस्था सुधारी और शिक्षित दिल्ली बनाई। और फिर नई शराब नीति लागू करके एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री की योजना लागू करके शराबी दिल्ली - नशाखोर दिल्ली बनाई। भ्रष्टाचार का नाश हो का नारा लागकर सरकार में आने वाले केजरीवाल शराब घोटाला और शीशमहल का निविदा घोटाला करके महाभ्रष्टाचारी साबित हुए और तिहाड़ की हवा खाए। अब भी केजरीवाल और उनके साथियों का तिहाड़ प्रतीक्षा कर रही है। सच कहा गया है - जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा।
©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'
(युवा आलोचक)
9/2/2025, 2:15 दिन
झाँसी, अखंड बुंदेलखंड
चित्र : झाँसी एवं टीकमगढ़ से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र 'वीरांगना झाँसी न्यूज' में 10 फरवरी 2025 को प्रकाशित लेख "दिल्ली में मोदी की गारंटीवाला भगवाराज"
उचित है मगर राजनैतिक और राजनीती दोनों में स्पष्ट अंतर है , लोकतांत्रिक परिपेक्ष में नवाचार की भूमिका एकल राजनीतिक विचार को भूमिकाहीन कर देती है।
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