बुन्देलखण्ड का सांस्कृतिक कुम्भ : बुन्देली उत्सव - किसान गिरजाशंकर कुशवाहा ‘कुशराज’
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बुन्देलखण्ड का सांस्कृतिक कुम्भ : बुन्देली उत्सव
बुंदेलखंड के पर्यटकगाँव बसारी जिला छतरपुर में चल रहे बुन्देलखण्ड के सांस्कृतिक कुम्भ ‘बुन्देली उत्सव’ का दृश्य अद्भुत है। सन 1996 से निरंतर माननीय शंकरप्रताप सिंह बुंदेला ‘मुन्ना राजा’ के संरक्षण में बुंदेली विकास संस्थान, छतरपुर द्वारा राव बहादुर सिंह स्टेडियम बसारी में बुन्देली उत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष किया जा रहा है। बुंदेली उत्सव ने बुंदेली भाषा, साहित्य, लोक, संस्कृति और कला के संरक्षण और संवर्द्धन में युगांतकारी भूमिका निभायी है। सन 1999 से निरंतर बुंदेली विकास संस्थान द्वारा बुन्देली साहित्य, संस्कृति एवं इतिहास को समर्पित पत्रिका ‘बुंदेली बसंत’ का डॉ० बहादुर सिंह परमार के संपादन और डॉ० हरिसिंह घोष के सहसंपादन में प्रकाशन किया जा रहा है। ‘बुंदेली बसंत’ पत्रिका ने बुंदेली भाषा, साहित्य, संस्कृति, इतिहास और बुंदेलखंड के समसामयिक मुद्दों को वैश्विक पटल पर रखने में ऐतिहासिक भूमिका निभायी है। डॉ० हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर की बुंदेली पीठ द्वारा डॉ० कांतिकुमार जैन के संपादन में प्रकाशित पत्रिका ‘ईसुरी’ के बाद ‘बुंदेली बसंत’ बुन्देली भाषा, साहित्य, संस्कृति, इतिहास एवं बुंदेलखंडी ज्ञान परंपरा की दूसरी प्रतिष्ठित पत्रिका है।
हमें बुंदेलखंड के सांस्कृतिक कुम्भ ‘बुंदेली उत्सव’ में सम्मिलित होने का सौभाग्य बुंदेली बसंत पत्रिका के यशस्वी संपादक, बुंदेली उत्सव आयोजन समिति के संस्थापक सदस्य, बुंदेली साहित्य और बुंदेलखंड के मूर्धन्य विद्वान, बुंदेली आलोचक, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर में हिन्दी अध्ययनशाला एवं शोध केंद्र के आचार्य डॉ० बहादुर सिंह परमार के निमंत्रण पर मिला।
इस वर्ष 6 दिवसीय बुन्देली उत्सव का आयोजन 15 फरवरी से 20 फरवरी 2025 के बीच हो रहा है। बुन्देली उत्सव का निमंत्रण बुंदेली में ही होता है। 26वें बुन्देली उत्सव 2025 का निमंत्रण इस प्रकार था -
२६ वाँ बुन्देली उत्सव २०२५
श्रीमान् जू
अपुन सब जनन खाँ राम-राम पौंचे।
अपुन खों जौ बताउत भये हमें खुसी हो रई, कै आपके सहयोग सें छब्बीसवें बुन्देली उत्सव ई साल भी तीन साल कै बाद १५ फरवरी शनिवार सें २० फरवरी गुरूवार लौं हुईऐ। ई में बुन्देलखण्ड अंचल के लोक संसकिरती के गाना-बजाना के संगै नांच भी हुईऐ। घुरवन को नांच के संगै निसानेबाजी, दंगल भी हुईये। बुन्देली रसोई के पकवानन कौ स्वाद भी चींखवे मिलहै। चौपड़, गिल्ली डंडा, खो-खो, रस्साकशी जैसे खेलकूद कौ आनंद अपुन उठाहौ। ई के संगे बुन्देली सिनेमा में अपुन अपनौ घर-द्वार और उनकी समस्याएँ देखहौ। अपुन सब जनन सें हाथ जोर कें बिनती है, कै मय परबार, नाते रिश्तेदारन, दोस्त-यारन के संगे पधारौ।
अपुन की स्वागत करके हमें नौनौं लगे।
कार्यक्रम स्थल -
राव बहादुर सिंह स्टेडियम
पर्यटक ग्राम - बसारी, छतरपुर (बुन्देलखण्ड) म०प्र०
छतरपुर से पन्ना राष्ट्रीय राजमार्ग 39 में 17वें किलोमीटर पर स्थित है।
बिन्तवार
बुन्देली विकास संस्थान, छतरपुर (म.प्र.)
चित्र : बुंदेली उत्सव 2025 का आमंत्रण पत्र
26वें बुन्देली उत्सव 2025 में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का विवरण इस प्रकार है -
15 फरवरी, शनिवार - दोपहर 12 बजे
उद्घाटन - रंगोली, लोक चित्रकारी, बुन्देली आधारित बच्चों की प्रस्तुति, विराट दंगल, कबड्डी, चौपड़, गिल्लीडंडा, बुन्देली सिनेमा का प्रदर्शन।
16 फरवरी, रविवार
प्रातः 08 बजे - कबड्डी, खो-खो, चौपड़, गिल्लीडंडा
दोपहर 03 बजे - बुन्देली सिनेमा का प्रदर्शन
17 फरवरी, सोमवार
प्रातः 08 बजे - कबड्डी, खो-खो फाइनल
दोपहर 03 बजे - रस्साकशी (रस्साखींच) प्रतियोगिता
18 फरवरी, मंगलवार
दोपहर 01 बजे - बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता
सायं 7:30 बजे - बधाई, कछियाई, दिवारी, बुन्देली पोशाक, अहिरवारी बैठक, बुन्देली कीर्तन, कहरवा गारी, बनरे, लमटेरा, सैरा, ख्याल, दादरा
19 फरवरी, बुधवार
दोपहर 01 बजे - अश्व नृत्य प्रतियोगिता
दोपहर 02 बजे - बुन्देली व्यंजन प्रतियोगिता
सायं 7:30 बजे - दलदल घोड़ी, बहुरूपिया, गोटे, कार्तिक गीत, आल्हा, बिलवारी, काडरा, रावला, सोहरे, ढिमरयाई
20 फरवरी, गुरूवार
दौपहर 01 बजे - निशानेबाजी प्रतियोगिता
सायं 07:30 बजे - विशेष प्रस्तुति फाग व राई
समापन
बुन्देली उत्सव में बुंदेलखंडी ज्ञान परंपरा और लोक साहित्य पर उल्लेखनीय कार्य करने वालों को प्रतिवर्ष विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जाता है। छब्बीसवें बुन्देली उत्सव २०२५ में सम्मानित विभूतियाँ इस प्रकार हैं -
1. श्री देवदत्त द्विवेदी सरस - राव बहादुर सिंह बुन्देली सम्मान 2025, बुन्देली लोक साहित्य सर्जना हेतु।
2. श्री गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त - राव बहादुर सिंह बुन्देला सम्मान 2025, बुन्देली साहित्य समीक्षा हेतु।
3. श्रीमती ऊषा सक्सेना - राव बहादुर सिंह बुन्देला सम्मान 2025, बुंदेली साहित्य एवं संस्कृति के प्रोत्साहन हेतु।
4. श्री देवेंद्र कुमार सिंह - दीवान प्रतिपाल सिंह बुन्देला सम्मान 2025, बुन्देलखण्ड के इतिहास हेतु।
5. श्री विजय बहादुर श्रीवास्तव - डॉ० नर्मदा प्रसाद गुप्त स्मृति सम्मान 2025, बुंदेली कला में उल्लेखनीय कार्य हेतु।
6. डॉ० राम बहादुर मिसिर बाराबंकी - स्व० श्री हरगोविन्द हेमल स्मृति सम्मान 2025, अवधी लोक साहित्य के योगदान में उत्कृष्ट कार्य हेतु।
आज 26वें बुंदेली उत्सव 2025 का दूसरा दिन था।
बुंदेली उत्सव के आयोजन स्थल राव बहादुर सिंह स्टेडियम में पहुँचकर बुंदेली में होर्डिंग देखकर बहुत खुशी हुई। होर्डिंग इस तरह थीं -
(१.) मा० डॉ० श्री मोहन यादव जी
मुख्यमंत्री म० प्र० शासन
26वाँ बुन्देली उत्सव 2025
में अपुन को भौतई स्वागत है
सिद्धार्थशंकर बुंदेला
पूर्व जनपद अध्यक्ष राजनगर
(२.) बुन्देली उत्सव
ग्राम बसारी
ऐसई स्नेह बनाए रईयो जू
विशाल, वीरन…।
(३.) भले पधारे जू, इ बुन्देली उत्सव में अपुन सबई पावनन कौ स्वागत करत हैं जू - विनोद, सौरभ…।
राव बहादुर सिंह स्टेडियम के मुख्य द्वार पर लिखा था - 26 बाँ बुन्देली उत्सव में स्वागत है जू।
राव बहादुर सिंह स्टेडियम के मुख्य द्वार के पीछे लिखा था - फिरकें अवाई होय जू
राव बहादुर सिंह स्टेडियम में बाहर-भीतर दीवारों पर बुंदेली कला को उकेरा गया था। बुन्देली संस्कृति के दृश्यों को दिखाया गया था। साथ ही दीवारों पर जगह-जगह बुंदेली भाषा में लिखा गया था - आज दिन सौनो सौ महाराज। खेल खेल की भावना सें खेलिओ जू। बुन्देली उत्सव में इस बार भी मेला लगा था। मेले में घर-गृहस्थी, साज-सिंगार, बच्चों के खिलौने, झूले, चाट-समोसे और मिठाई की दुकानें सजी थीं। आज की खेल प्रतियोगिताओं का शुभारंभ बुंदेली विकास संस्थान के अध्यक्ष आदित्यशंकर बुंदेला, देवेंद्रप्रताप सिंह ‘दिल्लू राजा’, भारत कृष्णदेव सिंह और नेहरू युवा केंद्र छतरपुर के निदेशक अरविंद सिंह यादव ने किया। आज की खेल प्रतियोगिताओं में चौपड़, कबड्डी और खो-खो के रोमांचक मुकाबले हुए। प्रतियोगिताओं का आनंद उठाने हेतु बुंदेली विकास संस्थान के संरक्षक, पूर्व विधायक माननीय शंकरप्रताप सिंह बुंदेला ‘मुन्ना राजा’ भी स्टेडियम पधारे। टपरा टॉकीज में बुंदेली सिनेमा का प्रदर्शन भी हुआ।
स्टेडियम में बहुमुखी प्रतिभा के धनी, यूट्यूब पर 100 मिलियन व्यू के आंकड़े को पार करने वाले, आजकल वैश्विक स्तर पर तीसरे नम्बर पर ट्रेनिंग में चल रहे यूट्यूब वीडियो बुंदेली गाना - तुनक तुनक, सुन भौजी की बैन की अभिनेत्री अंजली कुशवाहा पर वायरल बिटिया पावनी बिन्ना नामक बायोपिक फिल्म के निर्माता, बुंदेली के चर्चित अभिनेता, पटकथा लेखक, निर्माता एवं निर्देशक हिमालय यादव ‘हरिया भैया से हमें बुंदेली सिनेमा और सोशल मीडिया का बुंदेली के विकास में योगदान पर चर्चा करके बहुत अच्छा लगा। यदि सरकार बुन्देली उत्सव से प्रेरित होकर बुंदेलखंड के हर जिले, नगर, कस्बा और गांव में सांस्कृतिक कुंभ आयोजित करेगी तो बुंदेली और बुंदेलखंड विकसित भारत - विश्वगुरू भारत के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकेगा।
।। जै जै बुंदेली ।।
।। जै जै बुंदेलखंड ।।
©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा ‘कुशराज’
(बुंदेली-बुंदेलखंड अधिकार कार्यकर्ता)
16/02/2025 _ 10:45रात
झाँसी, अखंड बुंदेलखंड
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