डा० संकरलाल सुक्ल इसमिरती अखंड भारतीय बुंदेली समारोय २०२५
बुंदेली कबी, साहित्यकार उर सिक्छाबिद् पूज्जनीय डा० संकरलाल सुक्ल जू की इसमिरती में भांडेर जिला दतिया (अखंड बुंदेलखंड) में डा० संकरलाल सुक्ल जू के सपूत बुंदेलीसेबी डा० रबिंद सुक्ल 'सत्यार्थी' उर बिनकी बऊ डा० सरोज सुक्ला हर बरस १-२ मार्च खों दो दिनाँई डा० संकरलाल सुक्ल इसमिरती अखंड भारतीय बुंदेली समारोय करतई। यी बरस 'डा० संकरलाल सुक्ल इसमिरती अखंड भारतीय बुंदेली समारोय २०२५' में हम भी सामिल भए। मुख्ख पावने झाँसीबासी उत्तर पिरदेस सिरकार के राज्जमंतरी उर बुंदेलखंडी पंडित माननीय हरगोबिंद कुसबाहा जू रए, बुंदेली लोकसंसकिरती उर इतिहास पे बिनके भाँसड़ सें समारोय चार चाँद लग गए। पावने बक्ता झाँसीबासी सुपिरसिद्द साहित्यकार उर बुंदेलखंडी पंडित पूज्जनीय डा० रामसंकर भारती जू नें नौंने भाँसड़ सें डा० संकरलाल सुक्ल कौ रचनासंसार उर जीबन दरसन उजागर करकें जनमानस खों पिरेरित करौ। ई औसर पे ग्यारा बुंदेली बिभूतियंन खों सम्मानित करौ गओ उर भौतई उम्दा बुंदेली कबी सम्मेलन भी भओ। ई औसर पे बुंदेलखंडी पंडिताईन डा० कामिनी (सेंवढ़ा), बुंदेलीसेबी डा० बिरिजलता मिसरा (झाँसी), सत्त सनातन संसकिरती मंच के रास्ट्रीय अध्यक्छ स्यामसरन नायक 'सत्त' (झाँसी), बुंदेली बौछार के संपादक सचिन चौधरी (भोपाल), सिक्छाबिद् हेमंत सिंघ चौहान (भोपाल), इतिहासबिद् रामपिरकास गुप्ता (चिरगॉंव), आफीसर सिंघ गूजर (सीईओ दतिया), निहारिका (जनसंपरक संचालक दतिया), संगीतबिद् बिनोद मिसरा सुरमनी (दतिया), बुंदेली कबी राज गोस्वामी (दतिया) जैसे केऊ बुंदेलीप्रेमी सामिल रए।
©️ किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज'
(बुंदेली-बुंदेलखंड अधकार कारीकरता)
झाँसी, अखंड बुंदेलखंड
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