कहानी - " हिन्दी : भारत माता के माथे की बिन्दी " - कुशराज झाँसी
*** कहानी - " हिन्दी : भारत माता के माथे की बिन्दी " ***
शाम को सात बजे ममता रसोईघर में रात का खाना पका रही है और उसकी सास रामकली बाई बैठक वाले कमरे में टीवी पर न्यूज देख रही है।
भारत खबर चैनल पर न्यूज आ रही है -
" आज की सबसे बड़ी खबर - जी-20 सम्मेलन में शामिल होने वाले अतिथियों को भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आमंत्रण सौंपा। आमंत्रण पत्र में आमंत्रणकर्त्ता में लिखा - प्रेसीडेंट ऑफ भारत.....। अब तक प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया लिखा जाता था। भारत लिखने पर छिड़ी बहस.....। भारत बनाम इंडिया पर राजनैतिक पार्टियाँ आईं आमने - सामने।
प्रधामनंत्री मोदी जी का कहना है -
" इंडिया नाम अंग्रेजी राज की गुलामी का प्रतीक था। भारत स्वदेशी और राष्ट्रीयता का प्रतीक है। देश का आधिकारिक नाम 'भारत' होगा जल्द ही। "
सुना ममता! खबर आ रही है कि देश का नाम अब भारत ही होगा, मोदी जी कह रहे हैं। ये मोदी जी द्वारा किया जा रहा एक और सराहनीय काम है।
पंद्रह दिन बाद जी-20 सम्मेलन दिल्ली में आयोजित होता है, जिसमें भारतीय संस्कृति के प्रतीक वाक्य हिन्दी की देवनागरी लिपि में 'वसुधैव कुटुम्बकम', एक धरती - एक परिवार को साफ तौर पर संदेश के रूप में लिखा जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ भी इस वक्त स्वीकारता है कि कुछ औपचारिकताओं के बाद भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 'भारत' नाम से ही जाना जाएगा, इंडिया नाम से नहीं।
रामकली बाई की पोती और ममता की इकलौती लाड़ली बेटी रोशनी कुशवाहा ने इस साल बारहवीं में जिला टॉप किया है बायो से और नीट की परीक्षा भी पास कर ली है। वो विद्या भारती के विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर की होनहार छात्रा रही है। उसने बचपन से हिन्दी माध्यम से ही पढ़ाई की है।
पिछली साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने घोषणा की थी -
" अगली साल से प्रदेश में मेडीकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में भी होगी। पाठ्यपुस्तकें हिन्दी में तैयार हो रही हैं और कुछ तैयार भी हो चुकी हैं। "
योगी जी की इस घोषणा से रोशनी के मन में उम्मीद की नई किरण जगी थी। अब उसने ठान लिया था कि अब हम भी डॉक्टर बनकर किसान माँ - बाप और दादा - दादी का नाम रोशन करेंगें क्योंकि अब हमारी हिन्दी भाषा सच में 'भारत माता के माथे की बिन्दी' बन रही है।
मोदी सरकार ने ही 'हिन्दी : भारत माता के माथे की बिन्दी' के गौरव को विश्व में फैलाकर भारतीयों का मान बढ़ाया है। हम जैसी किसान परिवार की बेटी के डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने के द्वार खोले हैं।
रोशनी की दादी भी अपने जमाने की पाँचवी पास होनहार छात्रा रही हैं। वो रामचरितमानस भी बाँच लेती हैं और शिक्षा का महत्त्व समझती हैं। दादी ने हमेशा अपने पोता - पोतियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया है।
दादी के आशीर्वाद की बजह से ही रोशनी का बड़ा भाई सतेंद्र दिल्ली विश्वविद्यालय से बी० ए० हिन्दी ऑनर्स की डिग्री लेकर आया है पिछली चार साल पहले। अब वो बुंदेलखंड का चर्चित युवा लेखक है। हिन्दी ने सतेंद्र को बहुत मान दिया है और उसके परिवार को सम्मान भी।
रोशनी के छोटे भाई प्रशांत ने अभी नवीं पास की है। उसकी दादी का सपना है कि मेरा प्यारा पोता इंजीनियर बने और हम किसानों के कल्याण में सहयोगी बने। दादी का अपने पोते को इंजीनियर बनाने का सपना अब जरूर पूरा होगा क्योंकि इंजीनियर की पढ़ाई भी अब हिन्दी में होने लगी है और प्रशांत हिन्दी में सशक्त भी है लेकिन वो अंग्रेजी में कमजोर रहा क्योंकि वो विदेशी वस्तु, भाषा को हेय दृष्टि से देखता है। उसने भारत दुर्दशा नाटक से स्वदेशी प्रेम सीखा है। अपना देश, अपनी भाषा उसे जान से ज्यादा प्यारी है।
सात - आठ साल पहले गोवा की राज्यपाल रहीं मृदुला सिन्हा ने गीत लिखा था -
" हिन्दी हिन्दी हिन्दी भारत माँ की बिंदी ।
हिन्दी भारत माँ की बिंदी.....।। "
ऐसा दादी रोशनी को बता रही हैं एक दिन भोर से ही तब रोशनी ने कहा -
"हाँ! दादी माँ। अब सच में 'हिन्दी भारत माता के माथे की बिन्दी' है। तुम्हारी लाड़ली पोती डॉक्टर बनने जा रही है हिन्दी में पढ़ाई करके और उसके जैसे लाखों छात्र - छात्राएँ, जो हिन्दी भाषी क्षेत्र के रहे और हिन्दी माध्यम से पढ़े हैं, वे सब डॉक्टर और इंजीनियर बनकर भारत माता की सेवा में लग रहे हैं इसीलिए दादी अब जोर से बोलो -
" हिन्दी हिन्दी हिन्दी : भारत माता के माथे की बिन्दी.....हिन्दी की जय.....भारत माता की जय।। "
©️ कुशराज झाँसी
_ 16/09/2023_3:50दिन_
बुंदेलखंडविश्वविद्यालयझाँसी
(हिन्दी दिवस के अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी के हिन्दी विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ एवं प्रज्ञा : द क्रिएटिव एवं लिटरेरी क्लब द्वारा दिनाँक 14 से 21 सितंबर 2023 तक हिन्दी प्रतियोगिता सप्ताह में 16 सितंबर 2023 को आयोजित हिन्दी कहानी प्रतियोगिता में लिखित कहानी)
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