Sunday 5 May 2024

कुशराज झाँसी के परिवार और पति-पत्नी के रिश्ते पर विचार.....

आज के समय में दुनिया इस महासंकट के दौर से गुजर रही है कि संयुक्त परिवार बिखरके एकल परिवार हो रहे हैं। पत्नी पति को छोड़ प्रेमी के साथ फरार हो रही है और पति नाबालिग प्रेमिका के साथ फरार हो रहा है। आखिर कैसे बचेंगे परिवार। आखिर कैसे तलाश पूरी होगी एक पत्नी की सम्पूर्ण पुरुष प्राप्ति की और एक पति की सम्पूर्ण स्त्री प्राप्ति की।


©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी'

(बुंदेलखंडी युवा लेखक, सामाजिक कार्यकर्त्ता)

5/5/2024 _ 9:12रात _ झाँसी

दैनिक जागरण झाँसी में नई भारत सरकार से बुंदेलखंडियों के हक में किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' की आवाज.....

आज, 5 मई 2024 के दैनिक जागरण झाँसी में नई भारत सरकार से बुंदेलखंडियों के हक में हमारी आवाज.....





*** 'जागरण' पहुँचाएगा आपकी आवाज ***

" सरकार को बुंदेलखंडियों के लिए बुंदेलखंड के शैक्षिक संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झाँसी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आदि में प्रवेश और नियुक्ति में एवं सरकारी, गैरसरकारी संस्थानों तथा बीड़ा आदि में पचास प्रतिशत सीटें आरक्षित करनी चाहिए ताकि पिछड़े बुंदेलखंड के छात्र-छात्राएं भी विश्वस्तरीय उच्च शिक्षा पा सकें और अपने बुंदेलखंड में रोजगार करके बुंदेलखंड के विकास में सहयोगी बन सकें। "


©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज'

(लेखक, सामाजिक कार्यकर्त्ता)

पता - जरबौ गॉंव, बरूआसागर, झाँसी

4/5/2025_7:12दिन, जरबौगॉंव


#लोकसभाचुनाव2024 #आमचुनाव

#भारतसरकार #बुंदेलखंडकीआवाज

#बुंदेलीबुंदेलखंडआंदोलन

#बुंदेलखंड_की_धरती_पे_बुंदेलखंड_की_भर्ती_हो 

#बुंदेलखंड_बुंदेलखंडियों_के_लिए

#बुंदेलखंड_में_बुंदेलखंडियों_को_आरक्षण

#आरक्षण #50प्रतिशतआरक्षण #प्रवेश

#रोजगार #बुंदेलखंड #किसानगिरजाशंकरकुशवाहा #कुशराजझाँसी

#LokSabhaElections2024 #AamChunav

#BharatSarkar

#BundelkhandKiAwaaz

#BundeliBundelkhandMovement

#Bundelkhand_recruitment_should_be_on_the_soil_of_Bundelkhand.

#Bundelkhand_for_Bundelkhandi

#Reservation_for_Bundelkhandi_in_Bundelkhand

#Reservation

#50percentReservation

#Admission

#Employment

#Bundelkhand

#KisanGirjashankarKushwaha

#KushrajJhansi

Thursday 4 April 2024

हिंदी बिभाग, बुंदेलखंड कालिज, झाँसी खों अथाई की बातें तिमाई बुंदेली पत्तिका भेंट.....

 हिंदी बिभाग, बुंदेलखंड कालिज, झाँसी में मुखिया आचार्य संजै सक्सेना जू, आचार्य नबेन्द कुमार सिंघ जू, डा० स्याममोहन पटेल जू उर अनिरुद्ध गोयल जू खों 'अथाई की बातें' तिमाई बुंदेली पत्तिका भेंट करत भए हम छात्त लेखक किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'सतेंद सिंघ किसान'......



१६/१२/२०२३, झाँसी

महाँन बुंदेली साहित्यकार, आलोचक डा० रामनारान सरमा जू सें किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी' (सतेंद सिंघ किसान) की भेंट...

महाँन बुंदेली साहित्यकार, आलोचक डा० रामनारान सरमा जू खों झाँसी में बिनके घरे बुंदेली बसंत पत्तिका भेंट करत भए हम किसान गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी' (सतेंद सिंघ किसान) उर संगे झाँसी के साहित्यकार कक्का बिजै पिरकास सैनी जू।



सरमा जू सें बुंदेली भासा उर साहित्य पे बतकाओ करौ। साथी युबा कबी सिबम हरी (झाँसी) भी संगे रए।

४/४/२०२४, झाँसी


Friday 29 March 2024

जाति हमारी संस्कृति की अभिन्न अंग है - कुशराज झाँसी

 " जाति हमारी संस्कृति की अभिन्न अंग है। "


©️ किसान गिरजाशंकर कुशवाहा

'कुशराज झाँसी'

(प्रवर्त्तक - बदलाओकारी विचारधारा)

२९/३/२०२४, झाँसी

Wednesday 27 March 2024

समाज में बदलाव लायेंगीं कुशराज की क्रांतिकारी कहानियाँ - दीपक नामदेव बुन्देलखण्ड

 'घर से फरार जिंदगियाँ' कहानी-संग्रह की पुस्तक-समीक्षा -



" समाज में बदलाव लायेंगीं कुशराज की क्रांतिकारी कहानियाँ "


©️ दीपक नामदेव बुन्देलखण्ड

(परास्नातक छात्र - हिन्दी विभाग, बुन्देलखण्ड कॉलेज, झाँसी ; युवा लेखक, सामाजिक कार्यकर्त्ता)

पता - झाँसी मेडिकल कॉलेज के सामने, करगुवांजी, झाँसी (अखण्ड बुन्देलखण्ड)

_ 28/02/2024, झाँसी

                         

सबसे पहले तो मित्र किसान गिरजाशंकर कुशवाहा 'कुशराज झाँसी' को कहानियों की नई किताब 'घर से फरार जिंदगियाँ' के लिए बहुत-बहुत बधाई। जीवन में मित्रों का होना परम आवश्यक होता है क्योंकि मित्र ही सच्चे साथी होते हैं, जो हमारा हर काम में संग देते हैं और जीवन में तरक्की पाने के हर मार्ग को सुझाते भी हैं। मुझे इस बात का गर्व है कि मुझे कुशराज जैसा मित्र मिला।


'घर से फरार जिंदगियाँ' कहानी-संग्रह की पहली कहानी 'रीना' में किसान और शोषित वर्ग की बहुत ही अच्छी और शानदार प्रस्तुति की गई है। 'रीना' का शिम्मू किसान हमें 'गोदान' के होरी के अनुरूप लगता है। जिस तरह प्रेमचंद जी के समय में किसान की स्थिति थी, वही स्थिति वर्तमान में आज भी है। कुशराज की कहानी 'रीना' आज के किसान की स्थिति को बिल्कुल सटीकता से दर्शाती है।


दूसरी कहानी 'सोनम एक बहादुर बेटी' और  इसी क्रम में 'पंचायत' कहानी समाज की रूढ़िवादी सोच को उजागर करती हुई क्रांतिकारी विचारों के अनुरूप लिखी गई है और आज के युग में जो बच्चे अपने घर से बाहर जाते हैं पढ़ाई करने के लिए और पढ़ाई से विमुख होकर अन्य जुगाड़ शराब आदि की लत में पड़ जाते हैं। एक क्रांतिकारी मित्र कुशराज की यह बदलाव की धारा आज के वर्तमान समय में बहुत ही क्रांतिकारी साबित होगी। 


हर युवक को अपनी सोच बदलनी है और जितना भी समय अपनी पढ़ाई को देना जरूरी है, उतना ही समय अपने जीवन में आने वाली प्रेमिका को भी देना जरूरी है क्योंकि यही उम्र होती है अपने भविष्य का निर्माण करने की और इसी उम्र में प्यार होता है तब बेहद जरूरी हो जाता है कि भविष्य चुने या अपना प्रेम। प्रेम चुना जाता है तो भविष्य रूठ जाता है और यदि भविष्य रूठ जाए तो ऐसे प्रेम का क्या अर्थ होगा जो अपनी जीविका का सही साधन न बन सके। ऐसी ही एक कहानी है 'घर से फरार जिन्दगियाँ'। सफल व्यक्ति की चर्चा सभी करते हैं लेकिन असफल व्यक्ति को समाज में एक घटना की नजर से देखा जाता है इसलिए कुशराज की बदलाव की भावना और इस कहानी से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी कि वे सर्वप्रथम अपने भविष्य और जीवन की नींव को मजबूत करें फिर उसके बाद कहीं प्रेम के माया रूपी जाल में प्रवेश किया जाए। साथ ही कुशराज ने भ्रष्टाचार के खातमे की आवाज  'पुलिस की रिश्वतखोरी' कहानी के माध्यम से उठाई है। जब समाज का व्यक्ति ही भ्रष्टाचार के खिलाफ हो जाए तभी भ्रष्टाचार को हम जड़ से उखाड़ फेंक सकते हैं।


हमें विश्वास है कि कुशराज की बदलाव की क्रांति जल्द ही युवाओं को एक नई सामाजिक-बदलाव की धारा से जोड़ेगी। कुशराज के लेखन को उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार द्वारा भी प्रकाशित किया जा चुका है।


'घर से फरार जिंदगियाँ' किताब की अंतिम और प्रेरणादायक कहानी है 'अंतिम संस्कार'। यह कहानी सामाजिक-परिवर्तन की प्रेरणा देती है। रूढ़िवादी सोच के साथ ही भेदभाव करने वाली परंपराओं को जड़ से उखाड़ भेंकनें का बिगुल बजाती है और महिला-सशक्तिकरण के साथ ही महिलाओं अधिकारों की बकालत करती है। ऐसी क्रांतिकारी कहानी के लिए कुशराज भाई को बहुत-बहुत बधाई।


जहाँ तक मेरा मानना है कि ये सारी कहानियाँ लेखक कुशराज के व्यक्तिगत जीवन में कहीं-न-कहीं अपना स्थान रखती हैं और आधुनिक भारत के यथार्थ के ऊपर लिखी गईं हैं। कुशराज ये सामाजिक-परिवर्तन हेतु अपने लेखन को हमारे सामने लाते रहेंगें और समाज को नई दिशा देते रहेंगे।



            
     दीपक नामदेव बुन्देलखण्ड







Tuesday 12 March 2024

मोदी सरकार की गारंटी - 'सभी को अनाज, पोषित समाज' योजना को जरबौ गॉंव जिला झाँसी में प्रचारित करते हमारे दादाजी किसान नेता पीताराम कुशवाहा 'पत्तू नन्ना' और गाँववाले.....

आज 12 मार्च 2024 को मोदी सरकार की गारंटी - 'सभी को अनाज, पोषित समाज' योजना को जरबौ गॉंव जिला झाँसी में प्रचारित करते हमारे दादाजी किसान नेता पीताराम कुशवाहा 'पत्तू नन्ना' और गाँववाले.....




चित्र : बाएँ से चौथे - दादाजी किसान नेता पीताराम कुशवाहा 'पत्तू नन्ना' 

कुशराज झाँसी के परिवार और पति-पत्नी के रिश्ते पर विचार.....

आज के समय में दुनिया इस महासंकट के दौर से गुजर रही है कि संयुक्त परिवार बिखरके एकल परिवार हो रहे हैं। पत्नी पति को छोड़ प्रेमी के साथ फरार हो...