विजयादशमी 12 अक्टूबर 2024 से प्रकाशित पोलिटिकल बाजार के नए स्तम्भ 'कवि और कविताएँ' पर कुशराज की टिप्पणी -
"पोलिटिकल बाजार के संपादक आदरणीय रामनाथ राजेश जी और साप्ताहिक स्तम्भ 'कवि और कविताएं' में चयनित चारों रचनाकारों को भौत-भौत बधाई।
ओमप्रकाश यती जी! आसान सब है जब हम अपने प्रति ईमानदार रहें। नेक आलोचक द्वारा बताईं गईं कमियों को दूर करें तब। मार्मिक गजल।
विश्वनाथ शिरढोणकर जी! आत्मा की जीवनयात्रा पर रहस्यवादी कविता।
डॉ० रामशंकर भारती जी! यदि हमें अपने मन के रावण को मारना है तो द्वेष, दंभ, छल, पाखण्ड और झूठ को अपनी जीवनशैली से त्यागकर सच्चाई, सहयोग और सद्विचार को अपना होगा। समसामयिक समाज की वास्तविकता व्यक्त करती अद्भुत कविता।
ऋचा धर जी! कलयुग को यदि हमें सतयुग जैसा बनाना है तो छलछन्दों का परित्याग करना होगा और राम जैसी मर्यादा और सीता जैसी चारित्रिक पवित्रता बनाए रखनी होगी। ऐतिहासिक कविता।"
©️ किसानवादी कुशराज
12/10/2024, झाँसी
12 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित पोलिटिकल बाजार के नए स्तम्भ 'कवि और कविताएँ' को आप यहाँ पढ़ सकते हैं 👇